Australia Nuclear Submarine: ऑस्ट्रेलिया (Australia) चीन को एक नई चुनौती पेश करने के लिए तैयारी कर रहा है. इसके लिए ऑस्ट्रेलिया AUKUS संधि के तहत अमेरिका से साल 2030 तक पांच अमेरिकी वर्जीनिया कैटेगरी (Virginia class) की न्यूक्लियर पनडुब्बी खरीदने वाला है. इस बात की जानकारी अमेरिकी अधिकारियों ने बुधवार (8 मार्च) को दी.
 
वहीं AUKUS संधि  के तहत के आने वाले सालों में कम से कम एक अमेरिकी पनडुब्बी ऑस्ट्रेलिया को मिलने की उम्मीद है. इसकी सप्लाई कई स्टेजों में होगी और 2030 के आखिरी में बाकी की पनडुब्बियों की भी सप्लाई कर दी जाएगी.


ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के नेताओं की मेजबानी करेंगे
अधिकारियों ने जानकारी दी कि ब्रिटिश डिजाइन और अमेरिकी तकनीक के साथ वर्जीनिया कैटेगरी की न्यूक्लियर पनडुब्बी को बनाया जा रहा है. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सोमवार (13 मार्च) को सैन डिएगो में ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के नेताओं की मेजबानी करेंगे. इस दौरान वो ऑस्ट्रेलिया को न्यूक्लियर पनडुब्बियों और दूसरे उच्च-तकनीकी हथियारों के नियमों के लिए आगे का रास्ता तैयार करेंगे.


वहीं चीन ने वेस्टर्न सहयोगियों की कोशिशों की निंदा की है, जो चीन के सैन्य निर्माण, ताइवान पर दबाव और विवादित दक्षिण चीन सागर में बढ़ते चीन के दबदबे से मुकाबला करने की मांग कर रहे हैं. दो अधिकारियों ने नामों का खुलासा किए बिना बताया कि अमेरिका 2027 तक ऑस्ट्रेलिया में कुछ पनडुब्बियों को तैनात करेगा. इसके बाद 2030 की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया 3 वर्जीनिया श्रेणी की पनडुब्बियां खरीदेगा.


AUKUS  संधि सबसे बड़ी रक्षा परियोजना
ऑस्ट्रेलिया के लिए AUKUS संधि सबसे बड़ी रक्षा परियोजना होने की उम्मीद है. इसे तीनों देशों में नौकरियों की संभावना भी पैदा करता है. हाल के समय में ऑस्ट्रेलिया के पास छह ट्रेडिशनल टाइप की कॉलिन्स कैटेगरी की पनडुब्बी मौजूद है. इसकी सर्विस 2036 तक बढ़ा दी जाएगी. वहीं वर्जीनिया कैटेगरी की न्यूक्लियर पनडुब्बी ट्रेडिशनल पनडुब्बी के मुकाबले अधिक समय तक पानी के भीतर रह सकती हैं और उनका पता लगाना कठिन होता है.


अधिकारियों ने पनडुब्बियों से जुड़ी दूसरी जानकारियां साझा करने से इंकार कर दिया, जिसमें प्रोडक्शन प्लेस के डिटेल शामिल थे. हालांकि, ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक AUKUS पर आगे की बातचीत के लिए अमेरिका की यात्रा भी करने वाले है. चीन भारत-प्रशांत क्षेत्र में खतरा पैदा कर रहा है. इसको ध्यान में रखते हुए अमेरिका और ब्रिटेन ऑस्ट्रेलिया को परमाणु-संचालित पनडुब्बियों को तैनात करने की तकनीक और क्षमता प्रदान करने पर सहमत हुए है.


 ये भी पढ़ें:QUAD Vs China: चीन की निगाहें जापान-ऑस्ट्रेलियाई PM के भारत दौरे पर, जानिए क्यों 'क्वाड' से खौफ में है ड्रैगन