यूक्रेन और रूस के बीच जंग का आज 21वां दिन है. यूक्रेन के शहर धमाकों और हमलों से कराह रहे हैं. अब तक 100 से ज्यादा यूक्रेनी बच्चे मारे जा चुके हैं और इतने ही घायल हैं. बुधवार को दोनों देश नए समझौते का पैमाना तलाशने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि शांति वार्ता शुरू होने वाली है. जंग के तीन हफ्ते होने के बावजूद अब तक रूसी सेना यूक्रेनी सरकार का तख्तापलट नहीं कर पाई है. 


यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि चर्चा 'ज्यादा व्यवहारिक' बन रही हैं जबकि रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोग ने कहा कि समझौते की कुछ उम्मीदें हैं. साथ ही रूस की डिमांड ये भी है कि यूक्रेन का रुख न्यूट्रल रहे.


क्रेमलिन ने कहा कि दोनों पक्ष यूक्रेन के स्टेटस पर चर्चा कर रहे हैं जो ऑस्ट्रिया और स्वीडन की तरह है. ये दोनों देश यूरोपियन यूनियन के सदस्य जरूर हैं लेकिन वे नाटो के मिलिट्री अलाइंस से बाहर हैं. हमले के तीन हफ्ते बाद रूस की सेना को कीव के दरवाजे पर रोक दिया गया है और उसे भी इस जंग में काफी नुकसान झेलना पड़ा है. रूस की सेना अब तक कोई भी बड़ा शहर जीतने में कामयाब नहीं हुई है. 


यूक्रेन के अधिकारियों ने इस हफ्ते उम्मीद जताई कि जंग जल्द खत्म हो सकती है. यूं कहें कि आने वाले कुछ हफ्तों में भी. रूस अब समझौतों पर उतर आया है क्योंकि उसके पास लड़ने के लिए नए सैनिक नहीं हैं.


यूक्रेन के राष्ट्रपति ने एक वीडियो बयान में कहा, 'बैठकें जारी हैं और मुझे बताया गया है कि वार्ता के वक्त स्थिति ज्यादा वास्तविक नजर आ रही है. लेकिन यूक्रेन के हितों में फैसला लेने के लिए ज्यादा वक्त की जरूरत है.'


मंगलवार को जेलेंस्की ने समझौते को लेकर एक मुमकिन समाधान का संकेत दिया था. उन्होंने यह भी कहा था कि यूक्रेन अंतराष्ट्रीय समुदाय की ओर से सुरक्षा की गारंटी चाहता है. यूक्रेन यह भी कह चुका है कि वह नाटो का हिस्सा नहीं बनना चाहता. जबकि लंबे समय से रूस की यही बड़ी डिमांड भी रही है. 


रूस के विदेश मंत्री ने कहा, कुछ कारणों से वार्ता आसान नहीं है. लेकिन हम कुछ नतीजे पर पहुंच जाएं, इसकी उम्मीद है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा की गारंटी के साथ-साथ न्यूट्रल स्थिति पर गंभीरता से चर्चा हुई है. उन्होंने कहा, 'अब वार्ता में इस चीज की चर्चा की जाएगी. बिल्कुल खास फॉर्मूले हैं जो मेरे विचार में समझौते के करीब हैं. '


बुधवार को हुए एक इंटेलिजेंस असेसमेंट में ब्रिटेन ने कहा कि रूस की सेनाएं सड़कों पर फंस गई हैं और यूक्रेन की स्थिति में ढलने में उन्हें मुश्किलें आ रही हैं. साथ ही वह हवाई मार्ग पर नियंत्रण हासिल करने में विफल हो रहे हैं.  उन्होंने कहा, 'यूक्रेन की सेना ने अपनी रणनीति से रूस के सारे पैंतरे ध्वस्त कर दिए हैं. इसकी वजह से रूस को काफी नुकसान उठाना पड़ा है.'


3 करोड़ लोग हो गए शरणार्थी


विश्व युद्ध के बाद यूरोप पर हुए सबसे बड़े हमले में कई यूक्रेन के शहर तबाह हो गए हैं. तीन करोड़ से ज्यादा लोग रिफ्यूजी बन गए हैं. बुधवार को कीव की सड़कें खाली नजर आईं. अधिकारियों ने कर्फ्यू लगाया हुआ है और लोगों के बाहर निकलने पर रोक है. नागरिकों और इमरजेंसी वर्कर्स ने कहा कि रूस की एक मिसाइल को उड़ाने के बाद रिहायशी इलाकों में कई इमारतों को नुकसान पहुंचा है. 


ये भी पढ़ें- यूपी चुनाव में हार को भी अखिलेश यादव ने बताया समाजवादी पार्टी की जीत, जानें- क्या बड़ा दावा किया


ये भी पढ़ें- 'सफ़र में सांड तो मिलेंगे, जो चल सको तो चलो…', वीडियो शेयर कर अखिलेश यादव का योगी सरकार पर तंज