India Canada Conflict: अमेरिका और ब्रिटेन ने आंतकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद कनाडा और भारत के बीच उपजे तनाव के बीच राजनायिकों को देश से बाहर निकाले जाने पर चिंता जाहिर की है. शुक्रवार को अमेरिका और ब्रिटेन ने भारत से गुजारिश के लहजे में कहा वह अपने देश में कनाडा की राजनयिक उपस्थिति को कम करने पर जोर न दे.


समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, "भारत में अपनी राजनयिक उपस्थिति को काफी कम करने की कनाडा सरकार की मांग के जवाब में हम कनाडा के राजनयिकों के भारत से जाने से चिंतित हैं."


अमेरिका ने कहा है कि उसने कनाडा के आरोपों को गंभीरता से लिया है. इसके अलावा ब्रिटेन के साथ मिलकर भारत से हत्या की जांच में कनाडा के साथ सहयोग करने का आग्रह किया है. कनाडा के साथ तनाव के बाद पश्चिमी शक्तियां भारत की निंदा करने से बचती रही हैं. रायटर्स ने विश्लेषकों के हवाले से बताया कि अमेरिका और ब्रिटेन भारत के साथ संबंधों में कोई तल्खी नहीं चाहते हैं और रिश्तों में किसी तरह का नुकसान नहीं चाहते हैं. दोनों देश चाहते हैं कि वे अपने मुख्य एशियाई प्रतिद्वंद्वी चीन के सामने भारत को रखें.


'वियना कन्वेंशन के दायित्वों को बनाए रखने की भारत से उम्मीद'


बयान में कहा गया, "मतभेदों को सुलझाने के लिए जमीनी स्तर पर राजनयिकों की आवश्यकता होती है. हमने भारत सरकार से किया है कि वह कनाडा की राजनयिक उपस्थिति में कमी पर जोर न दे और कनाडाई जांच में सहयोग करे. हम उम्मीद करते हैं कि भारत राजनयिक संबंधों पर 1961 वियना कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों को बनाए रखेगा." बयान में कहा गया कि अमेरिका और ब्रिटेन ने कनाडा के आरोपों को गंभीरता से लिया है. इसे दोनों देशों की ओर से पहली बार सीधी आलोचना की तरह देखा गया. 


ब्रिटेन के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने बयान में कहा,"हम भारत सरकार की ओर से लिए गए फैसलों से सहमत नहीं हैं, जिसकी वजह से कई कनाडाई राजनयिकों को भारत छोड़ना पड़ा." निज्जर की हत्या पर कनाडा के आरोपों के बाद भारत ने पिछले महीने कनाडा से अपने राजनयिक उपस्थिति कम करने के लिए कहा था, जिसके बाद कनाडा ने भारत से 41राजनयिकों को वापस बुला लिया. कनाडा ने शुक्रवार को कहा कि वह कई भारतीय शहरों में वाणिज्य दूतावासों में व्यक्तिगत संचालन को अस्थायी रूप से निलंबित कर रहा है.


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