US On Al-Qaeda Threat: अल-कायदा अधिकतम एक या फिर दो साल में इतना सक्षम हो जाएगा कि वह अफगानिस्तान से अमेरिका पर हमला कर सकता है. ब्लूमबर्ग ने दो अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का हवाला दिया है, जिन्होंने यह दावा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान के कब्जे के बाद ही से ही इस आतंकी संगठन ने अफगानिस्तान में अपनी गतिविधियां शुरू कर दी हैं और अगर यह कोई संकेत है, तो आतंकवादी समूह एक या दो साल में काफी मजबूत हो जाएगा.


अमेरिकी खुफिया एजेंसी की तरफ से यह दावा ऐसे वक्त पर किया गया है जब अल-कायदा सरगना अयमान अल-जवाहिरी का एक वीडियो सामने आया है. अल-जवाहिरी के बारे में इससे पहले ये खबर थी कि उसकी मौत हो चुकी है. लेकिन अमेरिका पर हुए 9/11 आंतकी हमले की 20वीं बरसी पर अलकायदा ने यह वीडियो जारी किया, जिसमें जवाहिरी दिखे.


अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की पूरी तरह से वापसी और तालिबान के कब्जे के बाद सुरक्षा एक्सपर्ट की तरफ से यह माना जा रहा है कि क्षेत्र में आतंकी गतिविधियां बढ़ेंगी. हालांकि, तालिबान की अंतरिम सरकार ने जोर देकर कहा है कि वे अपनी सरजमीं को आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं होने देंगे. वैसे तालिबान की सरकार में ही कई ऐसे आतंकी शामिल हैं, जिन पर यूएन ने प्रतिबंध लगाया हुआ है. 


डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल स्कॉट बेरियर ने कहा, "मौजूदा आकलन के हिसाब से अल-कायदा कम से कम एक से दो साल में अमेरिका को खतरे में डालने की अपनी क्षमता विकसित कर सकता है. इससे पहले, सैनिकों की वापसी को पूरा करते हुए, पेंटागन ने कहा था कि उसके पास देश की रक्षा करने के लिए "ओवर द होरिजन" क्षमताएं होंगी. काबुल एयरपोर्ट पर 26 अगस्त को विस्फोट के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में दो हमले किए थे. बेरियर ने कहा- "हम सभी प्रकार के स्रोतों के साथ अफगानिस्तान में वापस पहुंच प्राप्त करने के तरीकों के बारे में सोच रहे हैं."


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