अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने पाकिस्तान को साफ कर दिया है कि काबुल अब किसी भी बाहरी दबाव में विदेश नीति नहीं चलाएगा. भारत के साथ बढ़ती नजदीकी को लेकर पाकिस्तान की बेचैनी पर तालिबान के विदेश मंत्री अमीर खान मुतक्की ने खुलकर प्रतिक्रिया दी और कहा कि अफगानिस्तान अपने हितों के आधार पर संबंध बनाता है, न कि किसी पड़ोसी की पसंद के अनुसार.

Continues below advertisement

मुतक्की ने राजनीतिक विश्लेषकों की एक बैठक में कहा कि पाकिस्तान को इस बात से समस्या नहीं होनी चाहिए कि अफगानिस्तान भारत के साथ संबंध मजबूत कर रा है. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान खुद भारत से राजनयिक संपर्क रख सकता है तो अफगानिस्तान को ऐसा करने से कोई नहीं रोक सकता. मुतक्की ने यह भी कहा कि पाकिस्तान लंबे समय से अफगानिस्तानी विदेश नीति को नियंत्रित करने की कोशिश करता रहा है, लेकिन यह दौर अब खत्म हो चुका है.

पाकिस्तान की राजनीतिक अव्यवस्था पर भी तीखी टिप्पणी

Continues below advertisement

अफगान विदेश मंत्री ने पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति पर भी तंज कसा. उन्होंने उस बयान का ज़िक्र किया जिसमें पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री इशाक डार ने माना था कि एक छोटे से फैसले के लिए भी प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख दोनों से अनुमति लेनी पड़ती है. मुतक्की ने व्यंग्य किया कि पाकिस्तान में इतने केंद्र हैं कि यह समझना कठिन है कि वास्तव में फैसला कौन लेता है. उन्होंने कहा कि इस अव्यवस्था का असर पाकिस्तान के हर निर्णय पर दिखाई देता है.

तालिबान का तंज

मुतक्की ने कहा कि पाकिस्तान के रिश्ते लगभग हर पड़ोसी देश से तनावपूर्ण हैं और यह समस्या अफगानिस्तान तक सीमित नहीं है. उनके अनुसार पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टियों, धार्मिक गुटों और अपनी ही जनता से लगातार टकराव बना रहता है. तालिबानी मंत्री ने दावा किया कि अफगानिस्तान की अन्य सभी सीमाओं पर संबंध सामान्य और व्यावसायिक हैं, जबकि पाकिस्तान ही एकमात्र ऐसा पड़ोसी है, जिसके साथ तनाव बना रहता है.

हवाई उल्लंघन और व्यापार रोकने पर गंभीर आरोप

तालिबान ने हाल के महीनों में पाकिस्तान पर कई आरोप लगाए हैं. काबुल का कहना है कि पाकिस्तान ने कई बार अफगान हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया और सीमा से जुड़े व्यापारिक रास्तों को मनमाने ढंग से बंद किया. मुतक्की ने यह भी कहा कि पाकिस्तान में अफगान शरणार्थियों के साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है, जो दोनों देशों के रिश्तों को और खराब कर रहा है. तालिबान का कहना है कि उन्होंने धैर्य दिखाया है, लेकिन इसे कमजोरी समझना पाकिस्तान के लिए ठीक नहीं होगा.

ये भी पढ़ें: पाकिस्तान के लाहौर में 25 साल बाद पतंग उड़ाने की मिली इजाजत, जानें क्यों लगा था बैन