काबुल:  अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया है. गुरुवार को अफगानिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर काबुल समेत कई शहरों में तालिबान के खिलाफ प्रदर्शन हुए स्वतंत्रता दिवस रैली में राष्ट्रीय ध्वज लहरा रहे लोगों पर तालिबान लड़ाकों द्वारा की गई फायरिंग में कई लोग मारे गए हैं.


अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात के निर्माण की घोषणा


उधर तालिबान ने गुरुवार को अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात के निर्माण की घोषणा की. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक ट्वीट में घोषणा की कि संगठन ने अफगानिस्तान की ब्रिटिश शासन से आजादी की 102वीं वर्षगांठ के अवसर पर इस्लामिक अमीरात की स्थापना करने का फैसला किया है. मुजाहिद ने ट्वीट कर कहा कि इस्लामिक अमीरात सभी देशों के साथ बेहतर राजनयिक और व्यापारिक संबंध चाहता है. हमने किसी भी देश के साथ व्यापार नहीं करने के बारे में नहीं कहा है. इस बारे में जो अफवाहें फैलाई गई हैं, वे सच नहीं हैं और हम इसे खारिज करते हैं.


मुजाहिद ने कहा कि दुनिया को हमें सहन करना चाहिए. हमने किसी के घर पर हमला नहीं किया है. हम दुनिया को बताते हैं कि हम पूरी दुनिया के साथ राजनयिक संबंध चाहते हैं, लेकिन हम अपने धार्मिक मामलों में किसी के हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करते हैं. हम किसी के बल को स्वीकार नहीं करते हैं और न ही किसी के हथियारों के सामने आत्मसमर्पण करते हैं.


अफगानिस्तान को लेकर आज आपातकालीन बैठक करेगा नाटो


वहीं, नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग 30 देशों के सैन्य गठबंधन के विदेश मंत्रियों की आज होने वाली आपातकालीन बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें अफगानिस्तान पर चर्चा होगी. स्टोल्टेनबर्ग ने बुधवार को ट्वीट किया कि ‘‘अफगानिस्तान पर अपने साझा रूख एवं समन्वय जारी रखने के लिए’’ उन्होंने वीडियो कांफ्रेंस बुलाई है. स्टोल्टेनबर्ग ने मंगलवार को पश्चिम समर्थित सुरक्षा बलों की तेजी से हुई हार के लिए अफगानिस्तान के नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया था, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि नाटो को भी अपने सैन्य प्रशिक्षण कार्यक्रम की खामियों को दूर करना चाहिए.


बता दें कि नाटो अफगानिस्तान में साल 2003 से ही अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा प्रयासों का नेतृत्व करता रहा है, लेकिन साल 2014 में इसने अपना अभियान समाप्त कर दिया, ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा बलों के प्रशिक्षण पर ध्यान दे सके.


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