Chinese spy balloon: इस साल की शुरुआत में अमेरिका के ऊपर से गुजरने वाले चीनी जासूसी गुब्बारे में अमेरिकी तकनीक का इस्तेमाल किया गया था. इस बात की पुष्टि वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बुधवार (28 जून) को की. रिपोर्ट में बारीकी से की गई जांच के प्रारंभिक निष्कर्षों का हवाला देते हुए बताया गया कि चीनी जासूसी गुब्बारे में अमेरिकी तकनीक का इस्तेमाल किया गया था. जिससे इसे ऑडियो-विजुअल जानकारी इकट्ठा करने में मदद मिली थी. 


वॉल स्ट्रीट जर्नल (डब्ल्यूएसजे) ने अमेरिकी अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा कि कई अमेरिकी रक्षा और खुफिया एजेंसियों के विश्लेषण से पता चला है कि जासूसी गुब्बारे में तस्वीरों के साथ अन्य जानकारी एकत्र करने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्लेमाल किया गया था. इसके साथ ही चीन ने अपने जासूसी गुब्बारे में अमेरिकी गियर का भी यूज किया था. जांच में कई ऐसे सबूत मिले हैं, जो दर्शाते हैं कि इस चीन गुब्बारे में अमेरिकी तकनीक का प्रयोग किया गया था. 


जासूसी करना था मकसद- अमेरिका 


रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच में एक बात साफ़ हो गई है कि चीनी गुब्बारे का उद्देश्य जासूसी करना था, न कि मौसम की निगरानी करना. जैसा कि चीन ने दावा किया था. गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में अमेरिकी सेना ने अपने तटीय इलाके के पास एक चीनी जासूसी गुब्बारा मारकर गिराया था, जिससे अमेरिका-चीन के रिश्तों में तनाव पैदा हो गए थे. 


तीन बसों के बराबर था चीनी गुब्बारा 


जासूसी गुब्बारे को मार गिराने के बाद अमेरिकी सेना ने दावा किया था कि इसका आकार तीन बसों के बराबर था. गुब्बारे पर सिग्नल लगे हुए थे, जो खुफिया जानकारी इकट्ठे करने के काम आता है. हालांकि, अमेरिका के आरोपों को चीन ने नकार दिया था. चीन ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि वह एक नागरिक हवाई जहाज था, जिसका इस्तेमाल मौसम की जांच के लिए किया जाता है.


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