अमेरिका के टेनेसी प्रांत से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. दरअसल यहां विज्ञान की दुनिया में किसी चमत्कार की तरह 27 साल पहले फ्रीज किए गए एक भ्रूण से बच्ची का जन्म हुआ है. पूरी दुनिया में इस अजीबो-गरीब मामले की चर्चा हो रही है, वहीं इस मामले ने निसंतान दंपतियों के लिए आशा की एक नई किरण जगाई है.


1992 में फ्रीज कराया गया था भ्रूण


रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के टेनेसी में रहने वाली टीना ने फ्रीज भ्रूण के जरिए एक बच्ची को जन्म दिया है. इस भ्रूण को एक महिला डोनर ने 1992 में फ्रीज कराया था जिसे टीना के गर्भ में 12 फरवरी 2020 को प्रत्यारोपित किया गया था. 26 अक्टूबर को टीना ने एक हेल्दी बेबी को जन्म दिया. इस बच्ची का नाम मौली रखा गया गया है.


2017 में भी दे चुकी हैं तकनीक के जरिए एक बेटी को जन्म


गौरतलब है कि 28 वर्षीय टीना गिब्सन ने इसी तकनीक के जरिए 2017 में भी एक बेटी एमा को जन्म दिया था. एमा का जिस भ्रूण से जन्म हुआ वो भी 24 साल पहले फ्रीज किया गया था.बता दें कि टीना के पति बेंजामिन गिब्सन सिस्टिक फायब्रोसिस नाम की बीमारी से पीड़ित हैं. इसी वजह से ये दंपति बच्चा पैदा नहीं कर पा रहा था. जिसके बाद इन्होंने एम्ब्रयो फ्रीजिंग से बच्चों को जन्म देने का सोचा. और आज इस दंपति की दो बेटियां हैं.


27 साल पुराने भ्रूण से दिया दूसरी बेटी को जन्म


टीना बताता है कि शादी के कई साल बाद भी जब उनका बच्चा नहीं हुआ तो उनके पिता ने उन्हें इस तकनीक के बारे में बताया. उन्हें एक मैग्जीन से एम्ब्रयो फ्रीजिंग तकनीक की जानकारी मिली थी. इसके बाद टीना और उनके पति ने इस तकनीक के बारे में सारी मालूमात की और नेशनल एम्ब्रयो डोनेशन सेंटर पहुंचकर आगे की प्रक्रिया पूरी की. टीना  ने 2017 में 24 साल पुराने भ्रूण से बेटी को जन्म दिया था. इस रिकॉर्ड को तोड़ते हुए उहोंने अब 27 साल पुराने भ्रूण से दूसरी बेटी को जन्म दिया है.


क्या होती है एम्ब्रयो फ्रीजिंग तकनीक


जर्नल ह्यूमन रिप्रोडक्शन के अनुसार, जब महिला गर्भ धारण करती है, तो भ्रूण का विकास भी शुरू हो जाता है. प्रेगनेंसी के 8 हफ्ते तक यह भ्रूण ही रहता है. इस भ्रूण को कई दंपति फ्रीज करा देते है ताकि भविष्य में जब वे पैरेंट्स बनना चाहे तो इसका इस्तेमाल कर सकें. वहीं कुछ दंपति इसे डोनेट भी कर देते हैं ताकि निसंतान दंपति भी माता-पिता बन सकें. भ्रूण को फ्रीज कराने वाली महिला को पहले डॉक्टर कुछ हार्मोन्स के इंजेक्शन या दवाएं देते हैं. ताकि बॉडी में अंडा बनने की प्रक्रिया तेज हो जाए. इनका विकास हो जाने के बाद डॉक्टर इन अंडों को महिला के शरीर से बाहर निकाल लेते हैं. इनसे भ्रूण को विकसित कर इन्हें फ्रीज कर दिया जाता है. महिला अगर चाहे तो वह सिर्फ अंडे को भी फ्रीज करा सकती है ताकि जब भी उसे मां बनना हो तो वह इनका इस्तेमाल कर सकें.


रिसर्च के मुताबिक ज्यादातर 22 से 28 साल की उम्र की महिलाएं ही अंडा फ्रीज कराती हैं. जिससे वे भविष्य में जब भी मां बनना चाहेँ तो बन सकें.


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