शीशे की वो चमकदार हाई हील्स याद है. जिसे पहन एक आम लड़की अचानक ही राजकुमारी सी नजर आने लगती है. पहली बार सिंड्रेला हील्स देखना कितना जादुई लगता है. सिंड्रेला की उस काल्पनिक कहानी में कांच की ऊंची ऐड़ी के एक जूते के कारण उसे वह जिंदगी मिलती है जिसका उसने हमेशा से सपना देखा था.  


एक बच्चे के रूप में, हर लड़की को यह हील्स जरूर आकर्षित करती होगी, लेकिन जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं ऊंची एड़ी के जूते का जादू फीका पड़ने लगता है. हाई हील्स किसी दुकान के फर्श पर तो बहुत अच्छी लगती है लेकिन उसे पहन कर चलना किसी सजा से कम नहीं. 


कई बार महिलाओं को कॉरपोरेट सेक्टर में करीब 9-10 घंटे हाई हील्स पहन कर काम करना होता है. 'अगर आप ऊंचे हील्स पहनकर दफ्तर नहीं जातीं तो आप 'गैर-पेशेवर' यानी अन-प्रोफेशनल हैं'... कॉरपोरेट की दुनिया के इस कहावत को कई लोग 'सेक्सिस्ट' कहते हैं तो कई इसे ऑफिस ड्रेस कोड कह कर डिफेंड करते हैं.  


आज भी कॉरपोरेट सेक्टर में लड़कियों को हाई हील पहनने के लिए कहा जाता है. हालांकि यह काफी खतरनाक भी है. बीते साल एबरडीन विश्वविद्यालय के एक शोध में ये बात सामने आई थी कि, जो महिलाएं ऑफिस में हाई हील पहन कर आती हैं, उनमें मस्कुलोस्केलेटल (मसल्स, हड्डियों और लिगामेंट्स में जो पेन होता है) की स्थिति हो सकती है. 


हालांकि सवाल ये है कि कॉरपोरेट सेक्टर में लड़कियों को हाई हील पहनने के लिए कहा क्यों जाता है ? इसके कई कारण सामने आए हैं. जिनमें से कुछ हैं




हाई हील्स न पहनने पर निकाल दिया गया ऑफिस से


कॉरपोरेट सेक्टर में महिलाओं को हाई हील्स पहनने के लिए मजबूर किए जाने का मुद्दा सबसे पहले साल 2016 में सामने आया था, जब ब्रिटेन के एक फर्म में रिसेप्शनिस्ट निकोला थोर्प को हाई हील्स पहनने से इनकार करने पर घर भेज दिया गया. बीबीसी की एक आर्टिकल में बताया गया कि लंदन के एक सिटी फर्म में काम करने वाली 27 साल की एक महिला को हाई हील्स पहनने से मना करने पर घर भेज दिया गया था.


लेकिन क्या दफ्तर में हाई हील्स पहनना जरूरी है? कानूनी, उचित या स्वस्थ है?  हील्स पहनने से मना करने वाली महिला कर्मी निकोला थॉर्प का कहना है कि जब उन्होंने अपने बॉस से कहा कि वह कॉरपोरेट रिसेप्शनिस्ट के रूप में अपने पहले दिन हाई हील्स नहीं पहनना चाहतीं तो वहां मौजूद लोगों को हंसी आने लगी.


निकोला ने बीबीसी को बताया, "उस दफ्तर में काम करने वाली सभी लड़कियों को 8-9 घंटे तक हील्स पहनना पड़ता था. मेरी शिफ्ट 9 घंटे की थी, जिसे देखते हुए मैंने हाई हील्स पहनने से इंकार कर दिया." निकोला ने कहा कि मेरे मना करने के बाद मुझे घर भेज दिया गया और उस दिन की सैलरी भी नहीं दी गई.


हालांकि इस घटना के बाद थॉर्प ने एक याचिका दायर की जिसमें उन्होंने वर्कप्लेस पर फ्लैट जूते पहनने के विकल्प को रखने की मांग उठाई. इस याचिका पर 152,400 से ज्यादा महिलाओं के हस्ताक्षर आए. इन महिलाओं ने कॉरपोरेट सेक्टर में हाई हील्स पहनने के रूल को खत्म करने की मांग उठाई थी. उन्होंने इस कानून को "पुराना और सेक्सिस्ट" बताया.


हालांकि, यूके सरकार ने वर्क प्लेस पर ऊँची हील्स के जूते पर प्रतिबंध लगाने की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि 'भेदभाव से निपटने के लिए मौजूदा कानून पर्याप्त हैं.'


भारत में क्या कहतीं है कॉरपोरेट सेक्टर में काम करने वाली लड़कियां 


दिल्ली में एक निजी बैंक में काम करने वाली ज्योति कहती हैं कि किसी भी वर्क प्लेस पर हाई हील्स पहन कर काम करना नियम नहीं होना चाहिये. उन्होंने कहा कि हाई हील्स लड़कियों को पहनना पसंद है लेकिन उसे रोज 9 घंटे पहनना संभव नहीं है. इसके अलावा अगर हील्स को फैशनेवल माना जाता है तो मुझे नहीं लगता ऐसा होना चाहिए. 


हरियाणा के एक कॉरपोरेट सेक्टर में काम करने वाली महिला कर्मचारी अनमोल झा का कहना है कि भारत के ज्यादातर फर्म में ऐसा कोई नियम नहीं है कि हमें हाई हील्स पहन कर दफ्तर आना ही होगा. लेकिन इसे रुतबे का प्रतीक माना जाता है.


उन्होंने कहा कि ऑफिस के किसी खास इवेंट पर हमें हाई हील्स पहनकर आना होता है ताकि हम ज्यादा प्रोफेशनल नजर आ सकें. हालांकि मुझे लगता है किसी भी कपड़े या ड्रेस कोड को प्रोफेशनलिज्म से जोड़ना गलत है. हमें जो पहनना है वो पहनने देना चाहिये. 


क्या कहते हैं एक्सपर्ट


नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट की फिजियोथेरेपिस्ट का कहना है कि ज्यादा देर हील पहनना किसी भी महिला के सेहत पर असर डाल सकता है. उन्होंने कहा कि लड़कियों या महिलाओं को दिन भर में 2-3 घंटे से ज्यादा हील्स पहनना अवॉइड करना करनी चाहिए. अगर किसी वजह से पहनना पड़ जाए हर 1-2 घंटे पर हील्स उतार एंकल को स्ट्रेच करना चाहिए. इससे वह पैर में होने वाले दर्द से बच पाएंगी.


इसके अलावा जिन महिलाओं को हील्स पहनना पसंद है और वो रेग्युलर हील्स पहनती हैं उन्हें पैर का योगा करते रहना चाहिए. एक्सपर्ट ने कहा कि लगातार हील्स पहनने वाली ज्यादात्तर महिलाओं में  पीठ में दर्द, ऐंकल में दर्द जैसी समस्याएं पाई जाती है. इसका कारण है हील्स से मसल्स स्टिफ हो जाना. 



कहां से आया हाई हील्स का फ़ैशन


आज जहां हाई हील्स केवल महिलाएं ही पहनती है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की इस हील्स की शुरुआत पुरुषों के लिए की गई थी. हाई हील पहनने के शुरुआती सबूत 10वीं शताब्दी में पर्शियन घुड़सवारों के जूतों में पाए गए थे. उस वक्त घुड़सवार व्यक्ति के जूते में हील्स जोड़ी गई थी ताकि घुड़सवारी करने वाले व्यक्ति को अपने पैर रकाब में फंसाने में आसानी हो.


दरअसल 10वीं शताब्दी में पुरुषों के लिए अच्छा घुड़सवार होना शान की बात होती थी. इसके अलावा युद्ध में सैनिक घुड़सवारी करते हुए दु्श्मन पर हमला करते थे. ऐसी स्थिति में बेहद जरूरी था कि घुड़सवार का ग्रिप बना रहा. सबसे पहले हील्स की शुरुआत इसी ग्रिप को बनाए रखने के लिए की गई थी. 


इसके बाद 16वीं शताब्दी  में र्शिया के शाह अब्बास ने पश्चिमी यूरोप के शासकों के साथ संबंध बनाने के लिए यूरोप में अपने राजदूत भेजे और उनके राजदूत के साथ ही ये जूते भी यूरोप तक जा पहुंचा. यहां पहुंचने के बाद हाई हील्स के रूप में कई बदलाव आने लगे और इसी तरह हाई हील्स अब कॉमन लोगों के बीच भी पहना जाने लगा. हाई हील को पहनने पर सबसे ज्यादा फ़्रांस के शासक लुई चौदहवें चर्चा में आए. 5 फुट 4 इंच के उस शासक ने 4 इंच ऊंची हील पहनना शुरू कर दिया, जिससे उनकी लंबाई उंची दिखने लगी. 


मर्दों को भाता है हाई हील्स 


पर्सनालिटी एंड इनडिविजुअल डिफरेंस नाम के जर्नल की एक स्टडी में कुल 448 पुरुषों से हाई हील्स पहने महिला पर उनकी राय पूछी गई. स्टडी में लगभग सभी पुरुषों का मानना था कि हील्स पहनने पर औरतों का शरीर कामुक दिखता है, वे ज्यादा युवा, सेहतमंद और ‘ऊंचे घर’ की लगती हैं. 




महिलाओं में कैसे बढ़ा हील्स का क्रेज 


16वीं से 18वीं शताब्दी तक आते आते पुरुषों द्वारा पहने जाने वाले हील्स से महिलाएं भी आकर्षित होने लगीं और यह चलन भी धीरे धीरे बदलने लगा. वहीं पुरुषों के बीच हाई हील्स के रुझान कम होने लगे. सन 1740 आते-आते पुरुष पूरी तरह हाई हील्स पहनना छोड़ चुके थे जबकि दूसरी तरफ महिलाओं में इसे पहनने का क्रेज बढ़ता चला गया.


उस वक्त पुरुषों के लिए चौड़े हील्स बनाए जाते थे लेकिन महिलाओं के पैरों को खूबसूरत दिखाने के लिए पैनी नोक वाले जूते बनाए जाने लगें. इससे उनके पैर छोट और पतले दिखते थे. तब से अब तक दशकों बीत गए, आज के जमाने में सामान्य महिलाओं से लेकर फिल्म जगत तक हाई हील्स फैशन बन चुका है. 


आज ऊंची हील के जूते पहनने वाले पुरुष न के बराबर ही दिखते हैं, जबकि महिलाओं में अब ये बेहद आम फ़ैशन बन चुका है. फ़ैशन इंडस्ट्री से निकलकर अब आम महिलाओं में भी ऊंची हील पहनने का चलन है. भले ही इस दौरान इन हील्स का रूप पूरी तरह से बदल गया हो, लेकिन दिलचस्प बात ये है कि जो ऊंची हील कभी शक्ति, मर्दानगी और रहीसी का सिंबल थी, वो आज महज़ एक फ़ैशन बनकर रह गई है.