रूसी त्वारोव एक पारंपरिक रूसी डेयरी उत्पाद है. यह एक तरह का पनीर या दही जैसा दिखता है, जिसे किण्वित करके बनाया जाता है. यह भारत के पनीर या दही से मिलता-जुलता है, लेकिन इसकी बनवाट ज्यादा नरम, दानेदार और कम नमकीन होती है. रूस में यह एक स्टेपल फूड आइटम है, जो नाश्ते, डिजर्ट या स्नैक्स के रूप में खाया जाता है. या पुतिन का पसंदीदा नाश्ता है. वह इसे अपने साथ विदेश यात्राओं पर भी ले जाते हैं.
10वीं शताब्दी में किसानों ने बनाया था त्वारोवत्वारोव का इतिहास स्लाविक संस्कृति से जुड़ा है, जो 10वीं शताब्दी के रूप में मशहूर है. त्वारोव स्लाविक शब्द है, जिसका मतलब 'किण्वित दूध' होता है. प्राचीन रूस में किसान परिवारों में यह सस्ता और पौष्टिक भोजन था क्योंकि रूस का ठंडा मौसम दूध उत्पादों को खराब नहीं होने देता था.
आज यह रूस के हर घर में पाया जाता है. पुतिन के दादा स्पिरिडोन पुतिन समेत कई लोग इसे पारंपरिक रूसी भोजन का प्रतीक मानते थे, जो पुतिन की डाइट में भी झलकता है. रूस में हर व्यक्ति सालाना 15 किलोग्राम त्वारोव खा लेता है.
आखिर यह त्वारोव बनाया कैसे जाता है?द मॉस्को टाइम्स के मुताबिक, त्वारोव बनाना बहुत सरल है और घर पर बी आसानी से बनाया जा सकता है. इसके लिए दूध और स्टार्टर कल्चर (जैसे दही या लेमन जूस) होती है...
- सबसे पहले 1 लीटर फुल-फैट दूध को हल्का गर्म करें, लेकिन उबाल न आने दें.
- इसमें दही या लेमन जूस मिलाकर 10-15 मिनट तक रखें. दूध फट जाएगा और ठोस हिस्सा अलग हो जाएगा.
- मलमल के कपड़े से छान लें और 4-6 घंटे तक लटका दें ताकि एक्स्ट्रा पानी निकल जाए.
- लीजिए, नरम और दानेदार त्वारोव तैयार है. इसे फ्रिज में 3-4 दिन तक रखा जा सकता है.
पुतिन का त्वारोव कैसे अलग है?पुतिन ज्यादा दानेदार बनावट वाला त्वारोव पसंद करते हैं. इसमें फैट कम होता है और हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है. पुतिन के 100 ग्राम के लगभग 100-150 कैलोरी, 18 ग्राम प्रोटीन और 5 ग्राम फैट होता है. इसमें 150-200 मिलीग्राम कैल्शियम, 3-4 ग्राम कार्ब्स, प्रोबायोटिक्स और विटामिन B12 होता है. हाई प्रोटीन होने से भूख कंट्रोल करता है, तभी पुतिन सिर्फ सलाद और त्वारोव के सहारे विदेशी यात्रा कर लेते हैं.
पुतिन के त्वारोव के लिए गायों को भी स्पेशल ट्रीटमेंट मिलता है. रूस टुडे में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन के त्वारोव मॉस्को के बाहर बने एख स्पेशल फार्म से आता है, जहां दूध देने वाली गायों की 24 घंटे निगरानी होती है.