लखनऊ: योगी सरकार ने दिवंगत पुलिस अफसर राजेश साहनी की पत्नी को ओएसडी बनाने का फ़ैसला किया है. उनकी इकलौती बेटी की पढ़ाई का ख़र्च भी सरकार उठायेगी. परिवार को लखनऊ में रहने के लिए सरकारी घर भी मिलेगा.


भदोही दौरे से लौटने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस फैसले का एलान किया. एटीएस के एएसपी राजेश साहनी ने 29 मई को ऑफ़िस में खुद को गोली मार ली थी. यूपी पुलिस का दावा है कि उन्होंने आत्महत्या की थी.


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साहनी के साथी पुलिस अफ़सरों के दवाब में योगी सरकार ने इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए. यूपीपीपीएस एसोसिएशन ने राजेश साहनी के परिवार को एक करोड़ की असाधारण पेंशन देने की मांग की थी.


ये भी कहा गया कि उनकी पत्नी सोनी को ओएसडी की नौकरी दी जाए. योगी सरकार इसके लिए तैयार हो गई है. साहनी की पत्नी को यूपी पुलिस में ओएसडी बनाया जाएगा. जिस दिन साहनी ने कथित रूप से एटीएएस ऑफ़िस में ख़ुदकुशी थी, उस दिन वे छुट्टी पर थे फिर भी उनकी पत्नी को ओएसडी बनाने का फ़ैसला हुआ.


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इससे पहले सिर्फ़ एक बार ही ऐसा हुआ है कुछ सालों पहले डीएसपी जिया उल हक़ को भीड़ ने पीट पीट कर मार डाला था. उनकी पत्नी परवीन आज़ाद को भी ओएसडी की नौकरी दी गई थी. उन दिनों अखिलेश यादव की सरकार थी.


राजेश साहनी की मौत कैसे हुई. इस पर तरह तरह के सवाल उठ रहे हैं. आरोप है कि सरकारी काम काज से परेशान होकर खुद को उन्होंने गोली मार ली थी. सवालों के घेरे में एटीएस के ही सीनियर अधिकारी हैं.


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एटीएस के ही इंस्पेक्टर यतीन्द्र शर्मा ने आईजी असीम अरूण पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए इस्तीफ़ा दे दिया था. बाद में डीजीपी ऑफ़िस ने शर्मा की क्लास लगाते हुए उन्हें त्याग पत्र वापस लेने पर मजबूर कर दिया. कहा जा रहा है कि एटीएस में सब ठीक ठाक नहीं है.