लखनऊ: लखनऊ के बहुचर्चित विवेक तिवारी हत्या कांड में एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है. एसआईटी के चीफ़ आईजी सुजीत पांडे ने दल-बल के साथ मौका-ए-वारदात का दौरा कर तस्वीरें और सैंपल भी इकट्ठा किए. आईजी के दौरे के समय फॉरेंसिक एक्सपर्ट भी मौजूद रहे. आईजी का कहना है कि अगर एसआईटी की जांच में कुछ सामने आता है तो आगे सीबीआई जांच के लिए अपील की जाएगी.

वहीं आज एडीजी राजीव कृष्ण, और एसएसपी ने विवेक के परिजनों से मुलाकात की और परिवार को 24 घंटे पुलिस प्रोटेक्शन देने की बात कही. बता दें कि विवेक की पत्नी ने पूरे परिवार को जान का खतरा होने की बात कही है.

बता दें कि यूपी पुलिस की गोली का शिकार बने एपल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी का आज बैकुंठ धाम भैंसा कुंड पर अंतिम संस्कार किया गया. मृतक विवेक तिवारी के पार्थिव शरीर को बड़े भाई राजेश तिवारी ने दी मुखाग्नि दी. यूपी सरकार ने विवेक तिवारी के परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा और नौकरी देने का एलान किया है.

क्या है पूरी घटना? शुक्रवार शाम एपल कंपनी का बड़ा इवेंट था. कंपनी के दो फोन भारत में लॉन्च किए गए थे. ये फोन शाम छह बजे से बाजार में बेचे जाने शुरु हुए थे. विवेक तिवारी एपल कंपनी के एरिया मैनेजर थे. उनके लिए ये बहुत बड़ा मौका था. वे रात में देर से ऑफिस से निकले. उनके साथ उनकी सहकर्मी सना भी थीं. वे सना को उसके घर छोड़ने के बाद अपने घर जाने वाले थे.

करीब डेढ़ बजे उन्होंने अपनी पत्नी से बात की उन्हें बताया कि फोन लॉचिंग की वजह से ऑफिस में देर हो गयी, इसीलिए वो अपनी सहकर्मी सना को घर छोड़ते हुए लौटेंगे. गोमतीनगर इलाके में अचानक दो पुलिसवालों ने उन्हें रोका, जिनमें से एक प्रशांत था.

लखनऊ: पुलिस की गोली से मारे गए विवेक तिवारी का अंतिम संस्कार हुआ, बड़े भाई ने दी मुखाग्नि

प्रशांत ही वो सिपाही है जिसने गोली चलाई. आरोपी सिपाही के मुताबिक विवेक तिवारी ने बार-बार उस पर गाड़ी चढ़ाई इसलिए उसने पिस्टल निकाली लेकिन उस वक्त गाड़ी में मौजूद सना का बयान बिलकुल अलग है. आरोपी पुलिसवालों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है और जांच के आदेश दे दिए गए हैं. लेकिन इस घटना ने पुलिस को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है.