लखनऊ: विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने राम मंदिर को लेकर बयान दिया. चंपत राय ने कहा है कि विहिप के मॉडल पर अयोध्या में राम मंदिर बनेगा. किसी नए मॉडल पर मंदिर बनने का विचार होगा तब तो 25 साल से भी अधिक समय मंदिर बनाने में ही लग जाएगा. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में राम मंदिर इलाके में ऐसा दृश्य दिखेगा कि वहां आने वाले हर श्रद्धालु को भारतीय संस्कृति का ज्ञान हो.


बैठक में राम मंदिर निर्माण पर देशभर से आए साधु-संतों के बीच मंथन होगा. इसमें यह तय किया जाएगा कि निर्माण की तारीख क्या होगी? संत सम्मेलन 21 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी शामिल होने की संभावना है. गौरतलब है कि विहिप के शिविर में वर्ष 1989 में कुंभ के दौरान प्रयाग में रखे मॉडल में बिना कुछ तब्दील किए रविवार को अयोध्या के राम मंदिर का मॉडल जनता के लिए खोल दिया गया है. इसी मॉडल के आधार पर भव्य मंदिर का निर्माण किये जाने का दावा होता आया है. 20 साल से अयोध्या में तराशे जा रहे पत्थर भी इसी मॉडल के हिसाब से हैं.


21 जनवरी को होगी बैठक


विश्व हिंदू परिषद केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने खुशी जताते हुए कहा कि भारत ने इतिहास की एक बड़ी गलती को सुधार दिया है भले ही उसके लिए 490 साल लग गए. चंपत राय ने बताया कि महंत नृत्य गोपाल दास की अध्यक्षता में 21 जनवरी को केंद्रीय मार्ग दर्शक मंडल की बैठक होगी. जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, साध्वी ऋतंभरा, बाबा रामदेव सहित देशभर के संत महात्मा शामिल होंगे. बैठक में मंथन के बाद राम मंदिर निर्माण की तारीख तय की जाएगी. साथ ही मंदिर के ट्रस्ट की रूपरेखा भी तय होगी कि उसमें किसे शामिल किया जाएगा.


इस संत सम्मेलन में मंदिर को लेकर हुए निर्णय का फैसला सार्वजनिक किया जाएगा. चंपत राय ने कहा कि चैत्र प्रतिपदा से हनुमान जयंती तक गांव-गांव राम महोत्सव होंगे. उन्होंने बताया कि गुजरात के चंद्र भाई सोमपुरा ने राम मंदिर की ड्रॉइंग बनाई है. इसके मुताबिक मंदिर का आर्किटेक्ट उनका रहेगा और निर्माण का काम बहुराष्ट्रीय कंपनी L&T कराएगी. उन्होंने कहा कि विहिप का मॉडल ही सर्वश्रेष्ठ है, यदि किसी अन्य मॉडल पर मंदिर बनाने के बारे में सोचा जाता है तो निर्माण में पच्चीस साल से भी ज्यादा वक्त लग सकता है.


ऐसे में कुछ दिन के लिए रामलला को गर्भगृह से किसी दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा, जिससे दर्शन पूजन का काम चलता रहे. सबसे पहले रामलला के गर्भगृह का निर्माण होगा. उन्होंने संभावना जताते हुए कहा 2 अप्रैल को रामनवमी के दिन मंदिर के निर्माण का काम शुरू हो सकता है.


दो मंजिला राम मंदिर में होंगे 212 स्तंभ 


अयोध्या में प्रस्तावित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मॉडल के साथ ही मंदिर का पूरा विवरण भी विहिप के शिविर में लगाया गया है. यहां बताया गया कि मंदिर की लंबाई 268 फीट रहेगी. चौड़ाई 140 फीट और ऊंचाई 128 फीट रहेगी. मंदिर का अग्रभाग, सिंहद्वार, नृत्य मंडप, रंग मंडप, गर्भगृह में कुल 212 स्तंभ रहेंगे. पहली और दूसरी मंजिल दोनों में ही 106-106 स्तंभ रहेंगे.


सभी स्तंभ में 16 मूर्तियां होंगी. पहला चबूतरा आठ फीट ऊंचा दस फीट चौड़ा और दूसरा चबूतरा चार फीट नौ इंच का होगा. इसके ऊपर ही स्तंभ लगेंगे. पहली मंजिल 18 फीट, दूसरी मंजिल 15 फीट नौ इंच, उसके ऊपर 16 फीट तीन इंच की पेटी (छत) होगी. पेटी के ऊपर 65 फीट तीन इंच ऊंचा शिखर होगा.