लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक अहम फैसले के तहत शुक्रवार से प्रदेश के सभी मदरसों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है. राज्य सरकार के मुताबिक ये फैसला मदरसों में चल रहे अवैध गतिविधियों और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए लिया है. उत्तर प्रदेश में मदरसों के प्रबंधन में कई महीनों से गड़बड़ी की शिकायत आ रही थी.


15 अगस्त को मदरसों में राष्ट्रीय ध्वज को फहराना अनिवार्य करने के बाद मदरसों से जुड़ा राज्य सरकार का ये दूसरा बड़ा और अहम फैसला है. उत्तर प्रदेश में कई मदरसे बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं और इन मदरसों को फंड कहां से मिल रहा है राज्य मशीनरी को इसकी कोई जानकारी नहीं मिल पा रही थी.

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इसके अलावा मदरसों में पढ़ाई जाने वाली शिक्षण सामग्री भी कई बार विवादों के साये में आ गई थी. जिसके बाद राज्य सरकार ने मदरसों के संचालन में आ रही इन शिकायतों को सुनने के बाद ये फैसला लिया है. उत्तर प्रदेश में कई मदरसे ऐसे हैं जो राज्य सरकार से आर्थिक सहायता पाते हैं और उन्हें कई दूसरे स्रोतों से पैसा मिलता है. सरकार इन पर निगाह रखना चाह रही है.

उत्तर प्रदेश सरकार मदरसों के प्रबंधन का एकसूत्रीकरण करना चाहती है, ताकि मदरसों की पूरी गतिविधियों पर राज्य सरकार की निगाह रहे. अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने शुक्रवार को इस मुद्दे पर बात करते हुए प्रदेश की पूर्ववर्ती गैर-बीजेपी सरकारों पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि अन्य पार्टियां मदरसों का इस्तेमाल तुष्टीकरण और वोट बैंक बढ़ाने के लिए करती रही हैं.

मौजूदा योगी आदित्यनाथ सरकार मदरसों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को रोजगारपरक शिक्षा दिलाना चाहती है, ताकि मदरसों से भी डाक्टर और इंजीनियर निकल सकें.