लखनऊ: यूपी पुलिस की गोली का शिकार बने एप्पल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी का बैकुंठ धाम भैंसा कुंड पर अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान योगी सरकार में कानून मंत्री ब्रजेश पाठक और आशुतोष टंडन ने मृतक विवेक तिवारी के परिजनों से भैंसाकुंड पहुंचकर मुलाकात की. ब्रजेश पाठक ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन भी दिया. मृतक विवेक तिवारी के पार्थिव शरीर को बड़े भाई राजेश तिवारी ने दी मुखाग्नि दी. यूपी सरकार ने विवेक तिवारी के परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा और नौकरी देने का एलान किया है, साथ ही कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो सीबीआई जांच भी करवाई जाएगी.
वहीं विवेक तिवारी के साले विष्णु शुक्ला ने कहा कि राज्य सरकार की मदद से हम लोग काफ़ी संतुष्ट हैं, मुआवजे का पैसा जल्द से जल्द दिया जाए. नौकरी और आवास की सुविधा जल्दी पूरी हो और सीबीआई जांच कराके आरोपियों को फांसी की सज़ा दी जाए, जिससे कोई इस तरह का अपराध ना करे. वहीं इस पूरी घटना से विवेक तिवारी की बेटी सरकार से बहुत नाराज हैं, उनका कहना है कि जो सरकार सुरक्षा नहीं दे सकती वो सरकार किस काम की?
क्या है पूरा मामला शुक्रवार शाम एपल कंपनी का बड़ा इवेंट था. कंपनी के दो फोन भारत में लॉन्च किए गए थे. ये फोन शाम छह बजे से बाजार में बेचे जाने शुरु हुए थे. विवेक तिवारी एपल कंपनी के एरिया मैनेजर थे. उनके लिए ये बहुत बड़ा मौका था. वे रात में देर से ऑफिस से निकले. उनके साथ उनकी सहकर्मी सना भी थीं. वे सना को उसके घर छोड़ने के बाद अपने घर जाने वाले थे.
करीब डेढ़ बजे उन्होंने अपनी पत्नी से बात की उन्हें बताया कि फोन लॉचिंग की वजह से ऑफिस में देर हो गयी, इसीलिए वो अपनी सहकर्मी सना को घर छोड़ते हुए लौटेंगे. गोमतीनगर इलाके में अचानक दो पुलिसवालों ने उन्हें रोका, जिनमें से एक प्रशांत था.
प्रशांत ही वो सिपाही है जिसने गोली चलाई. आरोपी सिपाही के मुताबिक विवेक तिवारी ने बार-बार उस पर गाड़ी चढ़ाई इसलिए उसने पिस्टल निकाली लेकिन उस वक्त गाड़ी में मौजूद सना का बयान बिलकुल अलग है. आरोपी पुलिसवालों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है और जांच के आदेश दे दिए गए हैं. लेकिन इस घटना ने पुलिस को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है.