पीएम मोदी के बयान पर अखिलेश का पलटवार, बोले- ‘पहले अपना इतिहास देखें मोदी’
एबीपी न्यूज़ | 16 Feb 2017 01:06 PM (IST)
लखनऊ: चुनावी मौसम है ऐसे में नेता एक-दूसरे पर वार करने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहते. आज सीएम अखिलेश ने पीएम मोदी की तरफ से दिए गए एक बयान पर पलटवार किया है.
पीएम मोदी ने कल कन्नौज की रैली में 1984 की घटना का जिक्र करते हुए अखिलेश पर मुलायम पर हमला कराने वाली कांग्रेस के साथ गठबंधन करने का आरोप लगाया था. इस पर अखिलेश ने कहा है कि पीएम इतनी पुरानी बातें इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने चुनाव में हार मान ली है.
अखिलेश ने कहा, ‘‘मोदी जी ने कन्नौज में कहा कि हमने कांग्रेस से दोस्ती करके नासमझी की. हमने यह इसलिये किया ताकि हमारे लोगों के अंदर से सरकार बनाने को लेकर भ्रम और दुविधा निकल जाए. हमने सरकार बनाने के लिये और साम्प्रदायिक ताकतों को हटाने के लिये कांग्रेस से समझौता किया है.’’ उन्होंने कहा ‘‘मोदी जी साल 1984 की याद दिला रहे हैं. उन्हें इतनी दूर जाने की क्या जरूरत थी. अगर आपको हमें ही कांग्रेस के प्रति गुस्सा दिलाना था तो आप हमें फिरोजाबाद वाली बात याद दिला देते. वहां उपचुनाव में कांग्रेस के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष (राज बब्बर) ने हमें हराया था. ये इसलिये याद दिला रहे हैं क्योंकि इस बार उत्तर प्रदेश का चुनाव उन्होंने खो दिया है. अब उनके पास और कोई रास्ता नहीं है.’’ मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘मोदी कहते हैं कि मुझे अनुभव नहीं है, इसीलिये मैंने कांग्रेस से गठबंधन किया. याद रखना साथियों, साइकिल तभी सीख पाते हो, जब एक बार गिर जाते हो. हम कम से कम साइकिल चलाना तो सीख ही गये हैं. हम साइकिल इतनी तेज चला सकते हैं कि ना हाथी ही आसपास आ सकता है और ना ही कमल वाले आ सकते हैं.’’ अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादियों ने जब भी कुछ कहा है वो पूरा किया है – ये नेता जी की पार्टी है. जो हमसे काम पूछ रहे हैं वो आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे देख ले तो उनकी आंख खुल जाएगी. लेकिन पीएम को काम नही दिखता है कारनामा दिखता है. अगर काम देखना है तो एक्सप्रेस वे पर आएं और 10 किलोमीटर चले तो हमे ही वोट दोगे. अखिलेश यादव ने पार्टी अध्यक्ष बनने पर भी सफाई दी. कहा मुझे मजबूरी में फैसला लेना पड़ा. कुछ लोग ये समझ रहे है कि मैने कुर्सी के लिए किया मैने कुर्सी के लिए नही किया समाजवादियों के लिए किया है.
मालूम हो कि मोदी ने कल कन्नौज में अपनी जनसभा में कहा था, ‘’मुलायम साल 1984 में जब विधान परिषद में विपक्ष के नेता थे, तब उनके कड़े विरोध से तंग आकर कांग्रेस ने चार मार्च 1984 को मुलायम पर गोलियां चलवायी थीं, मगर वह बच गये थे. अखिलेश कुर्सी के मोह में अपने बाप पर हमला कराने वाले लोगों की गोद में बैठकर राजनीति कर रहे हैं.