लखनऊ: योगी आदित्यनाथ की दिवाली इस बार कुछ ख़ास होगी. ऐसा इसलिए नहीं कि वे यूपी के मुख्यमंत्री बन गए हैं. जिनके साथ पिछले कुछ सालों से योगी दीपावली मनाते रहे हैं .. उनकी ख़ुशियां योगी की दिवाली को स्पेशल बनाने वाली हैं .. वनटांगियों की सालों पुरानी कुछ माँगें पूरी हो गई हैं तो कुछ बस पूरी होने वाली हैं.


गोरखपुर जिले में वनटांगियों की कई बस्तियॉं हैं.. यहाँ के लोकसभा सांसद रहते हुए योगी हर दिवाली इनके साथ मनाते रहे हैं ..दिन में ही योगी यहाँ पहुँच कर गाँव वालों के साथ खाना खाते थे .. बच्चों को किताबें, स्कूल बैग और मिठाईयां देते थे ..ये सिलसिला इनके सीएम बनने पर भी जारी रहेगा .. इस बार भी 19 अक्टूबर को वे वनटांगियों के साथ दीपावली मनाएंगे और वो भी उनके मनचाहे तोहफ़ों के साथ.


कौन हैं ये वनटांगिये ? ब्रिटिश राज में अंग्रेज़ों ने इन्हें जंगल लगाने के लिए गोरखपुर और आसपास के इलाक़ों में बसाया था. इनके परिवार जंगलों के किनारे ही रहने लगे.. लेकिन आज़ादी के सालों बाद तक न इनका राशन कार्ड बना, न ही वोटर कार्ड और न ही इनकी बस्तियों को राजस्व गाँव का दर्जा मिला.. न जाने कितनी बार इन लोगों ने आंदोलन किया, धरने दिए ... लेकिन किसी सरकार में इनकी कोई सुनवाई नहीं हुई.


वनटांगियों की माँगों का योगी आदित्यनाथ समर्थन करते रहे .. उनके सीएम बनने के बाद इस समाज के लोगों ने योगी से भेंट की और फिर उनके अच्छे दिन शुरू हो गए .. योगी सरकार ने वनटांगियों के गाँव को राजस्व गाँव का दर्जा देने का फ़ैसला कर लिया .सबके वोटर कार्ड बनने लगे .. राशन कार्ड बन गए ..इनके गाँव में बिजली के खंभें और तार लगने लगे हैं .अब तक लालटेन और डिबिया से ज़िंदगी गुज़र पसर करने वालों के घर जल्द ही बल्ब से रौशन होने वाले हैं ..योगी सरकार ने इनके यहाँ स्कूल शुरू करने का भी मन बनाया है .. दीपावली के दिन योगी आदित्यनाथ वनटांगियों के लिए कुछ और योजनाओं का ऐलान कर सकते हैं


राजस्व  गाँव का दर्जा न मिलने से वनटांगिये अब तक मौलिक अधिकारों से वंचित थे ..न तो उनके गॉंव में सड़क बन सकता था और न ही स्कूल .. पक्का मकान बनाने पर भी रोक थी .. लेकिन योगी सरकार के एक फ़ैसले ने इनकी दीवाली स्पेशल बना दी है.