नई दिल्लीः आज तेजस्वी यादव ने एक बड़ा सियासी दांव चला है और आरएसएलपी नेता उपेंद्र कुशवाहा को महागठबंधन में शामिल होने का औपचारिक न्यौता दे दिया. इसके लिए ट्वीट करते हुए तेजस्वी ने लिखा कि केंद्रीय राज्यमंत्री श्री उपेन्द्र कुशवाहा को हम महागठबंधन में शामिल होने का न्यौता देते है. उन्हें विगत 4 साल से एनडीए में उपेक्षित किया जा रहा है. बीजेपी उनके साथ सौतेला और पराया व्यवहार कर रही है. इसी दौरान बीजेपी ने नीतीश जी के साथ मिलकर उनकी पार्टी को तोड़ने की साज़िश भी रची. तेजस्वी ने लगातार तीन ट्वीट किए जिसमें उन्होंनें उपेंद्र कुशवाहा को अपने साथ लाने के लिए उनकी तारीफ करते हुए लिखा कि उपेन्द्र कुशवाहा जी एक बड़े सामाजिक समूह का प्रतिनिधित्व करते हैं लेकिन उस वर्ग से किसी को भी कैबिनेट मंत्री नहीं बनाया गया वहीं दूसरी तरफ़ केंद्र सरकार मे एक जाति के एक दर्जन से ज़्यादा कैबिनेट मंत्री है. पिछड़े वर्ग से आने वाले कुशवाहा जी की क़ाबिलियत को बीजेपी ने तवज्जो नहीं दी.
तेजस्वी यादव ने कुशवाहा को ऑफर देते हुए लिखा कि उपेन्द्र कुशवाहा जी सामाजिक न्याय की धारा से आते है इसलिए उन्हें गोडसे-गोलवलकर और गांधी-अंबेडकर की दो धाराओं में से एक को चुनना होगा. बीजेपी संविधान को ख़त्म कर रही जिससे आरक्षण स्वतः ही समाप्त हो जाएगा. कुशवाहा जी को संविधान बचाने की लड़ाई में ससमय उचित निर्णय लेना चाहिए. दरअसल 7 जून को एनडीए की तरफ से दिए गए महाभोज में केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा शामिल नहीं हुए थे जिसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि कुशवाहा नीतीश कुमार और बीजेपी से नाराज़ चल रहे हैं. हालांकि कुशवाहा ने साफ कर दिया था कि बिहार में एनडीए एकजुट है और आगे भी रहेगा. रात्रि भोज के ठीक दूसरे दिन शुक्रवार को दिल्ली से पटना पहुंचे कुशवाहा ने आरएलएसपी के एनडीए से अलग होने की उठ रही अफवाहों का भी पुरजोर खंडन किया था. इसके बाद 8 जून को भी तेजस्वी यादव ने उन्हें अपने साथ आने का ऑफर दिया था और कहा था कि अगर उपेंद्र कुशवाहा साथ आना चाहेंगे तो उनका स्वागत है. तेजस्वी ने कहा कि उपेन्द्र कुशवाहा, नीतीश कुमार से ज़्यादा बड़े नेता हैं, उनका जनाधार नीतीश कुमार से ज़्यादा है. तेजस्वी यादव ने ये भी कहा था कि आने वाले भविष्य में नए साझेदार भी हमारे साथ जुड़ सकते हैं. उपेन्द्र कुशवाहा की जो विचारधारा है उसके हिसाब से एनडीए में उनके लिए कोई जगह नहीं है. अगर वह हमारे साथ आना चाहें तो हम विचार कर सकते हैं. पिछले 13 सालों में पांच पार्टियों से राजनीति कर चुके हैं उपेंद्र कुशवाहा तेजस्वी यादव ने उपेंद्र कुशवाहा को दिया साथ आने का ऑफर अलग होने की अफवाहों को किया खारिज, कुशवाहा बोले- बिहार में एनडीए एकजुट है और रहेगा