नई दिल्ली: भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के एक दावे ने सियासी पारा चढ़ा दिया है. लंदन में वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट की अदालत के बाहर माल्या ने कहा कि भारत छोड़ने से पहले उसने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी. इसके साथ ही उसने यह भी कहा कि मैं बैंकों का बकाया कर्ज चुकाने के लिए तैयार था, लेकिन बैंकों ने मेरे सेटलमेंट को लेकर सवाल खड़े किए.
माल्या के इस दावे पर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर चौरतरफा हमला करना शुरू कर दिया है. इस बीच बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला किया है. तेजस्वी ने कहा कि मोदी सरकार घोटालेबाजों और भगोड़ों के साथ हाथ मिलाए हुए है. उन्होंने मिलकर हजारों करोड़ के लूट की साजिश रची. पीएम और वित्तमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए.
विजय माल्या के इस दावे के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने माल्या, पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी का जिक्र करते हुए कहा कि भगौड़ो का साथ, लुटेरों का विकास बीजेपी का एकमात्र लक्ष्य है. वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह चौंकाने वाला मामला है.