लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पिछले साल पहली बार आयोजित निवेशक सम्मेलन के एक साल बाद परियोजनाओं के लिये दूसरे भूमि पूजन समारोह का आयोजन इसी महीने होने जा रहा है. प्रदेश सरकार को इसमें राज्य में विभिन्न औद्योगिक इकाइयों के माध्यम से 70,000 से 80,000 करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है.


प्रदेश में पहली बार निवेशक सम्मेलन का आयोजन फरवरी, 2018 में किया गया था जिसमें चार लाख 28 हजार करोड़ रुपये के निवेश के सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गये थे. प्रदेश में इन कार्ययोजनाओं को जमीन पर उतारने के लिये जुलाई, 2018 में पहली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी यानी शिलान्यास कार्यक्रम का आयोजन 29 जुलाई को किया गया था अब दूसरी बार इस कार्यक्रम का आयोजन 20 जनवरी को प्रस्तावित है.


प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने गुरूवार को बताया कि 20 जनवरी को प्रस्तावित दूसरी ‘ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी’ में एक लाख करोड़ रुपये की योजनाओं के भूमि पूजन का लक्ष्य था, लेकिन अभी तक सत्तर से अस्सी हजार करोड़ रुपये की योजनाओं पर मुहर लग चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस शिलान्यास समारोह के लिए समय मांगा गया है. अगर उनका समय मिल जाता है तो लखनऊ में एक साल में तीसरी बार एक बार फिर निवेशकों का एक बड़ा मेला लगेगा.


उन्होंने बताया, 'पिछले साल फरवरी में हुई उत्तर प्रदेश निवेशक सम्मेलन में चार लाख 28 हजार करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किये थे. 29 जुलाई, 2018 को पहली ‘ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी’ में 62 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं का भूमि पूजन किया गया था. इसमें 81 कंपनियों ने भूमि पूजन कर काम शुरू कर दिया है. यहीं नहीं कई कंपनियों ने अपना उत्पादन भी शुरू कर दिया है. अभी तक केवल तीन उद्योगों ने अपनी कुछ तकनीकी दिक्कतों के कारण अपना काम शुरू नहीं किया है, बाकी 78 कंपनियों में काम शुरू हो चुका है.' महाना ने कहा, 'इस बार शिलान्यास कार्यक्रम में प्रदेश का एक लाख करोड़ रुपये निवेश का लक्ष्य है. हमें उम्मीद है कि 70 से 80 हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य हम पूरा कर लेंगे. इसके लिये करीब डेढ़ सौ कंपनिया पूरी तरह से तैयार हैं जिनमें बिड़ला, हायर (एसी, फ्रिज की कंपनी), स्वीडन की फर्नीचर कंपनी आइकिया, कई जैव ईंधन कंपनियां और कुछ खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की इकाइयां शामिल हैं, जो भूमिपूजन कराने के लिये तैयार है.' औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा, ' मैंने हाल के दिनों में उद्योगपतियों या उनके प्रतिनिधियों को बुलाकर उद्योग विभाग के सारे अधिकारियों के साथ दो बैठकें की हैं ताकि उद्योगपतियों की जो भी समस्यायें है उनका समाधान तुरंत निकाला जा सकें. जिन उद्योगपतियों ने पहले एमओयू किया था उनको कोई परेशानी है तो उसका समाधान निकाला जा सके.


महाना के अनुसार, 'प्रदेश में औद्योगिक निवेश से रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं, उद्योग और रोजगार एक दूसरे के पूरक हैं. उद्योग से आसपास के क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर बढ़ते हैं.'