गोरखपुरः गाजीपुर में निषाद समाज के आंदोलन और पत्‍थरबाजी के दौरान सिपाही की मौत हो गई थी. इस मामले को लेकर निषाद पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष डा. संजय निषाद ने प्रदेश की भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि उनके समाज के लोगों, महिलाओं और बच्‍चों को बेवजह परेशान करने की बात सामने आ रही है. प्रदेश की पुलिस धरना देने वाले सभी लोगों पर एनएसए लगाने की बात कर रही है. ऐसा किया गया, तो उनके समाज और पार्टी के लोग प्रदेश बंद का आह्वान करेंगे. क्‍योंकि धरना और प्रदर्शन करना लोकतांत्रिक अधिकार है.

डा. संजय निषाद ने कहा कि यूपी की पुलिस निषाद समाज के लोगों के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई करेगी, तो हर जिला मुख्‍यालय पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा. उन्‍होंने कहा कि मृत सिपाही के परिवार के वे साथ हैं. उन्‍होंने कहा कि एडीजी ने कल प्रेसवार्ता में बताया है कि हेड में चोट लगने से मौत हुई है. जबकि पुलिस का बयान है कि पीट-पीट कर मार डाला. ये कहना गलत है. सिपाही की पत्‍थर लगने से मौत हुई है, दोषी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. इस मामले की उच्‍च स्‍तरीय जांच होनी चाहिए.

संजय निषाद ने कहा कि योगी जी ने सदन में कहा था कि निषादों का आरक्षण हक है. मोदी जी ने कहा था कि गंगापुत्रों का दुःख दूर करेंगे. हमारे लोग आरक्षण की मांग को लेकर सुल्‍तानपुर जा रहे थे. बस से उन लोगों को उतारकर थानों में बंद कर दिया.

उन्होंने कहा कि उन्‍हें छुड़ाने के लिए लोग गए थे. जब शाम 4 बजे तक बंद लोगों को नहीं छोड़ा, तो लोग सड़क पर आ गए. हमारी सारी मांगे जायज हैं. आरक्षण के लिए धरना-प्रदर्शन हमारा अधिकार है. बगैर उच्‍च स्‍तरीय जांच के निषाद समाज के लोगों को गांव-गांव से पकड़कर महिलाओं और बच्‍चों का उत्‍पीड़न किया जा रहा है.

उन्‍होंने कहा कि हमारे लोग काफी समय से आंदोलन कर रहे हैं. गाजीपुर की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी. दोनों ओर से पत्‍थर चले हैं. किसकी ओर से चले हैं. किसके पत्‍थर से चोट लगी है, ये जांच का विषय है. इस पर जांच के बाद व्‍यक्ति को पहचान कर उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. न कि धरना-प्रदर्शन करने वाले लोगों पर एनएसए लगाना चाहिए.