लखनऊ: समाजवादी पार्टी (एसपी) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को देश के गरीबों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ करार देते हुए कहा कि वह एनपीआर के लिए कोई फॉर्म नहीं भरेंगे. अखिलेश ने कहा ''चाहे एनआरसी हो या एनपीआर, यह हर गरीब, हर अल्पसंख्यक और हर मुस्लिम के खिलाफ है.''

Continues below advertisement

उन्होंने समाजवादी पार्टी (एसपी) के छात्र नेताओं से मुखातिब होते हुए कहा ''सवाल यह है कि हमें एनपीआर चाहिए या रोजगार? अगर जरूरत पड़ी तो मैं पहला व्यक्ति होउंगा जो कोई फॉर्म नहीं भरेगा. आप साथ देंगे कि नहीं. नहीं भरते हैं तो हम और आप सब निकाल दिए जाएंगे. हम तो नहीं भरेंगे, बताओ आप भरोगे?''

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि जो पुलिसकर्मी नए नागरिकता कानून और एनआरसी का विरोध करने वाले लोगों पर लाठियां चला रहे हैं, उन्हें बताया जाना चाहिए कि उनसे भी उनके माता-पिता का प्रमाणपत्र मांगा जाएगा. उन्होंने कहा कि सभी भारतीय लोग ऐसे लोगों से भारत बचाएं जो संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं.

Continues below advertisement

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि जनता अपनी बुनियादी समस्याओं और देश की बदहाल अर्थव्यवस्था के बारे में सवाल न पूछे. उन्होंने कहा कि सरकार ने नोटबंदी के वक्त कहा था कि भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा, मगर वह बात झूठ निकली. नोटबंदी के कारण अनेक बैंक डूब गए. जीएसटी से कारोबारी बर्बाद हो गए. हालत यह है कि देश की अर्थव्यवस्था आईसीयू से निकलकर आईसीसीयू में पहुंच गई है.

सीएम योगी पर हमला अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी कुर्सी बचाने के लिए प्रदेश में नए नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन की आड़ में एक समुदाय विशेष पर अन्याय करवा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ''यह जो अन्याय हो रहा है और लोग पुलिस की गोली से मारे गए हैं, उसका अगर कोई जिम्मेदार है तो बीजेपी सरकार और खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिम्मेदार हैं. वह इसलिए क्योंकि वह जानते हैं कि बीजेपी के 200 विधायकों ने उनके खिलाफ विधानसभा में धरना-प्रदर्शन किया था. लिहाजा वह अपनी कुर्सी बचाने के लिए मुसलमानों पर अन्याय करवा रहे हैं.''

हेमंत सोरेन बने झारखंड के 11वें CM, कांग्रेस के दो और RJD के इकलौते विधायक ने ली मंत्री पद की शपथ

उन्होंने कहा कि अगर मन टटोला जाए तो 300 विधायक योगी से नाराज हैं. योगी इस बात से घबराए हुए हैं और अपनी कुर्सी बचाने के लिए पुलिस के जरिए नाइंसाफी करवा रहे हैं. वह जानते हैं कि इस तरह की कार्रवाई के बाद अगले छह महीने तक कोई भी उनसे कुछ नहीं पूछेगा और वह ऐसे जमकर बैठ जाएंगे कि अगले डेढ़ साल तक कोई नहीं हटा पाएगा.

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि नए नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदेश में हुए प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की अगर उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय के किसी सेवारत न्यायाधीश से जांच कराई जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी.

उन्होंने कहा कि तब यह जाहिर हो जाएगा कि हिंसा के दौरान जो भी लोग मरे, वे पुलिस की गोली से मारे गए. हिंसा के शिकार हुए लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी बीजेपी के लोग अपने हिसाब से बनवा रहे हैं. आखिर क्या वजह है कि सरकार सच छिपाना चाहती है. अखिलेश ने कहा कि मुख्यमंत्री ऐसा इसलिए करा रहे हैं ताकि कोई भी अगले छह महीने तक उनसे यह न पूछे कि प्रदेश में कितना निवेश आया है.

हेमंत सोरेन बने झारखंड के 11वें CM, कांग्रेस के दो और RJD के इकलौते विधायक ने ली मंत्री पद की शपथ