जयपुर: राजस्थान के विश्व प्रसिद्ध सांभर झील में हज़ारों प्रवासी पक्षियों की मौत को लेकर आज राजस्थान हाईकोर्ट ने रिपोर्ट तलब की है. हाईकोर्ट ने इस मामले को लेकर न्याय मित्र की नियुक्ति भी की है. सांभर झील में 25 से ज्यादा प्रजातियों के हजारों प्रवासी पक्षियों की मौत कैसे हुई ये अभी तक साफ नहीं हुआ है लेकिन अभी तक की जांच-पड़ताल में परिंदों की मौत की वजह बोटुलिज्म बीमारी मानी जा रही है. हालांकि अभी देश की कई प्रयोगशालाओं की रिपोर्ट आनी बाक़ी हैं.


सांभर में झील और उसके आस पास के इलाकों से मरे हुए पक्षियों की तलाश के लिए वन विभाग समेत दूसरे कई विभाग लगातार अभियान चला रहे हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सांभर त्रासदी में 18 हज़ार पक्षियों की मौत हुई है. लेकिन जानकारों के अनुसार मरने वाले पक्षियों की संख्या 40 हजार हो सकती है.


90 वर्ग मीटर में फैली सांभर झील में अक्टूबर माह से ही विदेशी पक्षियों का आना शुरू हो जाता है. लेकिन इस बार स्थिति पहले जैसी नहीं है. जो पक्षी आ रहे हैं उनके वापस लौटने पर संकट खड़ा हो गया है. जिस तरह से इन पक्षियों की मौत हुई है उससे विभाग के अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं, क्योंकि देश में इससे पहले कभी भी इतनी संख्या में पक्षियों की मौत नहीं हुई है.


पक्षी विशेषज्ञ इतनी बड़ी संख्या मे पक्षियों के मरने की घटना को एक त्रासदी के तौर पर देख रहे हैं. पर्यावरण प्रेमियों द्वारा पक्षियों की मौत को सोशल मीडिया पर भी उठाया जा रहा है. वन विभाग से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि मृत पक्षियों के शवों के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं. जिसके बाद ही पक्षियों की मौत की सही वजहों का पता चल सकेगा. उधर मृत पक्षियों के शव में कीड़े पाए गए हैं,जिसके बाद ये आशंका जाहिर की जा रही कि जहरीले कीड़े खाने की वजह से पक्षियों की मौत हो हुई है.