पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में हुनर हाट में लिट्टी चोखे का स्वाद चखा. जिसके बाद इसको लेकर बिहार की सियासत में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया. पीएम के चोखा खाने पर कांग्रेस प्रवक्ता ने चुटकी ली तो वहीं बीजेपी ने इसे पीएम की तरफ से बिहार को आशीर्वाद बताया.

'बिहार को एक ढेला नहीं दिया पर धोखा दिया'

कांग्रेस के प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा, "जिस तरह एकाएक लिट्टी चोखा के प्रति उनका प्यार उमड़ा और उस फोटो का प्रचार प्रसार किया गया तो कहीं ना कही इसमें मोदी जी की चुनावी चाल ही दिखती है, लेकिन जिसने भी उन्हें एडवाइस किया उन्होंने उनके साथ बड़ा धोखा किया है. लिट्टी तो ठीक है पर चोखा खाकर कोई शुभ काम आरंभ नही होता है. चोखा कभी भी किसी शुरुआत के लिए नहीं माना जाता है. इसमें दही चूड़ा खाए होते तो बात समझ में आती. उनको शुरुआत में ही झटका लग गया और मेरी नजर में बिहार के प्रति अगर उनको इतना लगाव है या यहां के व्यंजन से लगाव है तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे देते जो उन्होंने नही दिया."

प्रेमचंद्र मिश्र ने आगे कहा, "पटना को सेंट्रल यूनिवर्सिटी भी आपने नहीं किया, बाढ़ राहत में एक पैसा नहीं दिया चार हजार करोड़ से ज्यादा की मांग की थी पर एक ढेला नहीं दिया तो अब लिट्टी चोखा खाकर किसको धोखा दे रहे हैं."

'बिहार चुनाव में कोई मुकाबला नहीं'

वहीं बीजेपी प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा "बिहार की जनता को पीएम मोदी लिट्टी खाकर सकारात्मक संदेश दे रहे हैं. इस मिट्टी से जुड़ने की कोई भी कोशिश प्रधानमंत्री या अन्य किसी भी राजनेता की होगी तो बिहार के लोगो को खुशी होती है. जहां तक चुनाव का सवाल है तो निश्चित तौर पर बिहार में कोई मुकाबला नहीं है. जो इस तरह के तस्वीर या इस तरह के अवसरों के जरिए राजनीति में कोई भविष्य ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं. मेरी विपक्ष को सलाह है कि वे जनता के बीच जाएं. नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार ये दो बड़े परफॉर्मर हैं. विपक्ष को जनता घास डालने वाली नहीं है."

'लिट्टी चोखा खाकर बिहार को आशीर्वाद दिया'

इसके अलावा जेडीयू ने कहा है, "चुनाव नजदीक है तो क्या प्रधानमंत्री खाना नहीं खाएंगे क्या. वो कहीं ना कहीं का कुछ ना कुछ तो खाएंगे ही. उनका कहना सिर्फ इतना ही है, क्योंकि लिट्टी चोखा बिहार का बहुत ही अच्छा व्यंजन है इसलिए उन्होंने खाया है. वो भी मीटिंग में खाया है, अकेले नहीं खाया सभी लोगों ने खाया है. जहां तक लिट्टी चोखा का सवाल है तो ये बिहारियों के लिए एक आशीर्वाद है."

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