वाराणसी: यूपी बीजेपी और सरकार सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा ) के बीच की तल्खियां बढती जा रही हैं. सुभासपा अध्यक्ष और योगी कैबिनेट में मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने इशारों-इशारों में बीजेपी को दाबाव की राजनीति न करने की सलाह दे डाली है. उन्होंने कहा कि वे ज्वालामुखी हैं, उन्हें दबाना खतरनाक होगा. उनका यह बयान काफी है बताने के लिए कि यूपी में बीजेपी और सहयोगियों के बीच सबकुछ ठीक नहीं है. राजभर का यह बयान बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय की उस टिप्पणी के बाद आया है जिसमें उन्होंने सुभासपा के विधायक कैलाश सोनकर को चोर बोल दिया था.


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ओमप्रकाश राजभर इन दिनों अपने बेटे अरविंद राजभर की शादी के सिलसिले में वाराणसी में हैं. राजभर ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के चोर वाले बयान पर व्यंग्यात्मक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने बड़ा ही शोभनीय और प्रशंसीय बयान दिया है, वे बड़े हैं और कुछ भी बोल सकते हैं.


यह पूछे जाने पर कि कैलाश नाथ सोनकर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस पर राजभर ने पलटवार करते हुए गैंगरेप और हत्या आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर की तरफ इशारा किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी का विधायक जेल में है.


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राजभर ने कहा कि बेहतर होगा कि उनकी पार्टी को सिखाने वाले प्रदेश अध्यक्ष अपनी पार्टी के विधायक के बारे में बात करें. राजभर ने सवाल उठाया कि बीजेपी ने क्या कार्रवाई की अपने आरोपी विधायक के खिलाफ? उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी की नैतिकता का पाठ केवल सहयोगियों के लिए होता है, अपनी पार्टी के लिए नहीं.


यह पूछे जाने पर क्या बीजेपी सहयोगियों के साथ दबाव की राजनीति कर रही है? राजभर ने अपने आपको ज्वालामुखी बताते हुए कहा कि कोई उन्हें या पार्टी को क्या दबाएगा. उन्होंने हंसते हुए इशारों-इशारों में बीजेपी नेतृत्व को चुनौती दे डाली कि ज्वालामुखी को दबाना खतरनाक साबित होगा.


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राजभर ने उनकी पार्टी के विधायक कैलाश नाथ सोनकर पर लगे आरोपों के बारे में भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि पिछले 15 महीनों से वे सरकार में मंत्री हैं और आजतक उन्होंने 50 लाख रूपये से ऊपर की रकम नहीं देखी. राजभर ने यह तर्क देते हुए कहा कि ऐसा कैसे संभव है कि उनकी पार्टी का विधायक 600 करोड़ रूपये का घोटाला कर दे.


राजभर ने अपने विधायक का बचाव करते हुए कहा कि कैलाश सोनकर की गलती बस इतनी है कि उन्होंने आरएसएस के एक नेता को जमीन पर कब्जा करने से रोका है. उन्होंने बताया कि आरएसएस के नेता किसी गरीब व्यक्ति की जमीन पर कब्जा कर रहे थे. इसी मामले की शिकायत लेकर कैलाश सोनकर ने वाराणसी के डीएम-एसएसपी से मुलकात की थी. इसी के चलते एक लॉबी उनके पीछे पड़ी है और उन पर घोटाले का आरोप लगाया जा रहा है.


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कैलाश नाथ सोनकर के राज्यसभा चुनावों के क्रॉस वोटिंग के मुद्दे पर राजभर ने कहा कि उन्होंने विधायक को कोई नोटिस नहीं जारी किया है. इस मामले में बीजेपी के प्रदेश महेंद्र नाथ पांडे ने बयां दिया था कि मामला ओमप्रकाश राजभर के संज्ञान में है और उन्होंने सोनकर को नोटिस जारी कर दी है. राजभर ने बीजेपी को उनके द्वारा जारी की गई नोटिस दिखाने की चुनौती दे डाली.


राजभर से जब यह पूछा गया कि क्या बीजेपी का नेतृत्व उनकी और सपा नेता शिवपाल की मुलाक़ात और सपा-सुभासपा के बेच गठबंधन की चर्चा के चलते नाराज है? राजभर ने उलटा सवाल किया कि क्या दो लोगों के मिलने भर से गठबंधन हो जाता है?


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उन्होंने शिवपाल की सीएम योगी आदित्यनाथ और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाक़ात का हवाला देते हुए पूछा कि इन मुलाकातों से क्या बीजेपी का सपा से गठबंधन हो गया है. उन्होंने दोहराया कि शिवपाल से उनकी मुलकात महज एक औपचारिकता थी.


राजभर ने कहा कि उस दिन शिवपाल भी वाराणसी सर्किट हाउस में रुके हुए थे और वे अक्सर सरकार में रहते हुए उनकी मदद करते थे. इसीलिए वे औपचारिक मुलाकात के इरादे से उनके कमरे में गए थे. उन्होंने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और बीएसपी सुप्रीमो मायावती से अपनी मुलाकातों का भी हवाला दिया.


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यह पूछे जाने पर कि क्या मायावती ने उन्हें साथ आने का ऑफर दिया है? इस पर राजभर ने कहा कि जब वे सत्ता में थीं, तो उन्होंने गरीबों और राजभर समाज के लिए कुछ नहीं किया, अब वे किस आधार पर उन्हें ऑफर दे सकती हैं. राजभर ने कहा कि अब सिर्फ वायदे करके नेता वोट अपने पाले में नहीं कर सकते, उन्हें जनता के लिए काम करना होगा.


ओमप्रकाश राजभर ने स्वीकार किया कि वाराणसी आने पर अक्सर उन्हें छोटे नेताओं द्वारा 200, 300 या 500 रूपये लेकर गरीबों के लिए आवास आवंटन या फिर शौचालय निर्माण का काम कराए जाने की जानकारी मिलती है.


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उन्होंने कहा कि आजतक उनके पास कोई यह एप्लीकेशन लेकर नहीं आया कि उनकी पार्टी के विधायक ने 20 लाख रूपये या 600 करोड़ रूपये की हेरफेर की हो. अगर कोई ऐसे आरोप वाली एप्लीकेशन लेकर आता भी है तो वह इस आरोप को साबित भी करे. बता दें कि पिछले कुछ महीनों से बीजेपी और राजभर की पार्टी के बाच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है.


हाल ही में बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह और ओमप्रकाश राजभर ने एक दूसरे को कुत्ता तक कह डाला था. हालांकि इस तल्ख बयानबाजी के बाद भी राजभर ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय और विधायक सुरेंद्र सिंह को अपने बेटे की शादी में आ कर वर-वधू को आशीर्वाद देने का न्योता दिया है.