लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि राज्य की नौकरशाही पर उसका पूरा नियंत्रण है और अगर किसी अधिकारी ने जन प्रतिनिधि का अपमान या उपेक्षा की तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा, 'सरकार का नौकरशाही पर पूरा नियंत्रण है. हम किसी को बचाने नहीं खड़े हैं. अगर कोई जन प्रतिनिधि किसी अधिकारी द्वारा उपेक्षा या अपमान की शिकायत करता है तो हम कार्रवाई अवश्य करेंगे. चाहें वह कितना भी बड़ा अधिकारी क्यों ना हो.'
इससे पहले बीएसपी के सुखदेव राजभर ने अधिकारियों पर जन प्रतिनिधियों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से इस संबंध में कोई ठोस व्यवस्था देने को कहा.नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी ने भी कहा कि अधिकारी जन प्रतिनिधियों की सुनने को तैयार नहीं हैं. नौकरशाही हावी है.
विपक्ष चाहता था कि इस विषय पर अलग से चर्चा करायी जाए लेकिन अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने इसे स्वीकार नहीं किया.
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने कहा कि नौकरशाही द्वारा जन प्रतिनिधियों की उपेक्षा किए जाने की बात सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भी स्वीकार की है इसलिए यह बीजेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास है. उनकी इस बात का हालांकि सुरेश खन्ना ने खंडन किया.