इलाहाबाद: यूपी में सिंचाई विभाग के एक एक्जीक्यूटिव इंजीनियर को जींस पहनकर कोर्ट में पेश होना काफी महंगा पड़ा. जींस पहनकर कोर्ट में पेश होने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस एक्जीक्यूटिव इंजीनियर पर न सिर्फ पांच हजार रूपये का हर्जाना लगाया है, बल्कि उनकी सर्विस कैरेक्टर बुक पर एडवर्स इंट्री यानी प्रतिकूल प्रविष्टि भी दर्ज किए जाने को कहा है.


अदालत ने इस मामले में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को इंजीनियर से हर्जाने की रकम वसूल कर उसे विधिक सेवा समिति में जमा कराने को कहा है. अदालत ने यूपी में सिंचाई विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को जींस पहनकर कोर्ट में पेश होने वाले एक्जीक्यूटिव इंजीनियर को एडवर्स इंट्री की कार्यवाही करने को कहा है. अदालत ने एक्जीक्यूटिव इंजीनियर के जींस और पिंक कलर की हाफ शर्ट पहनकर आने पर नाराज़गी जताते हुए कहा है कि जींस ड्रेस कोड के दायरे में नहीं आती और ऐसे में क्लास वन के आफिसर से ड्रेस कोड के बिना वाले कपड़े पहनकर कोर्ट में पेश होने की अपेक्षा नहीं की जाती.


हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने जिस एक्जीक्यूटिव इंजीनियर के जींस पहनकर कोर्ट में पेश होने पर कार्यवाही की है, उनका नाम विजय कुमार कुश्वाहा है और वह वाराणसी में तैनात हैं. यह आदेश जस्टिस अमित बी स्थालेकर और जस्टिस जयंत बनर्जी की डिवीजन बेंच ने दिया है.


दरअसल वाराणसी की निर्मला देवी ने पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर दिवंगत पति चन्द्रिका राम के रिटायरमेंट के बाद उनके बकाये का भुगतान नहीं किये जाने की शिकायत की थी. चन्द्रिका राम वाराणसी में सिंचाई विभाग में बंधी प्रखंड में तैनात थे. विभाग के बकाये में से कुछ रकम काट ली थी और बाकी पैसों पर ब्याज भी नहीं दिया था. अदालत ने इसी मामले में एक्जीक्यूटिव इंजीनियर विजय कुशवाहा को तलब किया था. विजय कुशवाहा हाफ पिंक शर्ट और जींस पैंट में पेश हुए तो कोर्ट ने गहरी नाराज़गी जताई.