लखनऊ: उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित मेट्रो परियोजनाओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी गंभीर हैं. लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन (एलएमआरसी) के अधिकारियों की मानें तो कानुपर, मेरठ और अगरा में मेट्रो परियोजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) की मंजूरी उप्र सरकार से मिल गई है. इसके बाद अब इस डीपीआर को केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए भेजा गया है. उम्मीद है कि जल्द ही यह केंद्रीय कैबिनेट में भी पास हो जाएगा.


एलएमआरसी के निदेशक कुमार केशव ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा, "यूपी सरकार ने कानपुर, मेरठ और आगरा में मेट्रो के लिए बनाई गई डीपीआर को मंजूरी दे दी है. यह प्रस्ताव अब केंद्र के पास भेज दिया गया है."


ये नवाबों का शहर लखनऊ है! दुनिया में पहली बार चाय की डिलीवरी ड्रोन से की गई


उन्होंने बताया कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद इस डीपीआर को केंद्रीय कैबिनेट में भेजा जाएगा. कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद आगे का काम शुरू किया जाएगा.


कुमार केशव ने कहा, " वर्तमान में लखनऊ में प्रस्तावित चारबाग-बसंतकुज कारीडोर के डीपीआर को भी शासन से मंजूरी मिल गई है. जल्द ही यह प्रस्ताव भी मंजूरी के लिए केंद्र भेजा जाएगा. वहां से मंजूरी के बाद इन तीनों शहरों में मेट्रो रेल परियोजना के निर्माण का रास्ता साफ हो जाएगा."


योगीराज में इंस्पेक्टर बने 2200 दरोगाओं के प्रमोशन पर विवाद, हाईकोर्ट ने किया जवाब तलब


गौरतलब है कि राज्य सरकार यूपी के बड़े शहरों में मेट्रो चलाने को लेकर गंभीर है. केंद्रीय नीति के आधार पर इसके लिए संशोधित प्रस्ताव तैयार कराए जा रहे हैं. सूत्रों की माने तो मेरठ, कानपुर व आगरा में मेट्रो रेल के लिए संशोधित डीपीआर तैयार किया गया है.


केंद्र सरकार 2017 में नई मेट्रो नीति लेकर आई है. केंद्र ने राज्यों को इसके आधार पर डीपीआर बनाकर भेजने को कहा था, उसके बाद ही एलएमआरसी की तरफ से मेरठ, कानपुर और आगरा के लिए डीपीआर भेजा गया है.


आखिरकार खत्म होगा काफी वक्त से जारी IAS-IPS लॉबी के बीच टकराव


आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने केंद्रीय नीति के आधार पर मेट्रो रेल के लिए डीपीआर तैयार कराया है. विभागीय सूत्रों के मुताबिक मेरठ में 32.95 किलोमीटर, कानपुर में 32 किलोमीटर और आगरा में 30 किलोमीटर मेट्रो चलेगी.


इन तीनों शहरों में मेट्रो के लिए दो कारिडोर बनाए जाएंगे. दोनों कारिडोर का काम वर्ष 2024 में पूरा होने की संभावना है. इन तीनों शहरों में मेट्रो पर करीब चार हजार करोड़ रुपये के करीब खर्च आएगा.