मेरठ: मेरठ में वुडन कारोबारी से जेल में बंद कुख्यात अपराधी ने 4 लाख रुपए की रंगदारी मांगी है. वुडन कारोबारी के पास एक लिफाफे में बंद चिट्ठी के साथ कारोबारी के बेटे का फोटो और एक कारतूस भी पहुंचा है. खौफजदा कारोबारी ने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है.

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जेल से कैसे पहुंची रंगदारी की चिठ्ठी

मेरठ के किदवई नगर निवासी हाजी आसिफ को 17 जुलाई की रात को घर के दरवाजे के पास एक लिफाफा मिला. उन्होंने जब लिफाफे को खोला तो उसमें एक चिट्ठी के साथ उनके बेटे का फोटो निकला. इसी लिफाफे में एक 32 बोर का ज़िंदा कारतूस भी था. चिट्ठी लिखने वाले ने खुद को जेल में बंद कुख्यात बदमाश बताया है लेकिन अपना नाम नहीं लिखा है. चिट्ठी में लिखा है कि तुम्हारी ईद बहुत अच्छी गई है. जेल में बंद कुछ साथियों को बड़ी दिक्कतें आ रही है. उनकी मदद के लिए 4 लाख रुपए का इंतज़ाम करना है. अगर 4 लाख रुपए नहीं दिए तो तुम्हारी बकरीद अच्छी नहीं रहेगी. बाकी तुम खुद समझदार हो.

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 बदमाश ने बताया, रंगदारी देने के लिए इस्तेमाल करना है यह सिग्नल

चिट्ठी में कारोबारी को कहा गया है कि अगर पैसा देने का मन हो तो उसका संकेत करना है. इसके लिए बदमाश ने लिखा है कि अपने घर के बाहर लगे बड़े बल्ब को बदलकर ज़ीरो वॉट का बल्ब लगा देना हम समझ जाएंगे कि तुम पैसा देने के लिए राजी हो गए हो. यह समझते ही हमारा आदमी तुमसे बात करेगा और वक्त तय करके पैसा ले जाएगा.

बिना नाम के रंगदारी मांगने का पहला मामला

अमूमन कोई बदमाश जब रंगदारी के लिए चिठ्ठी भेजता है तो अपने खौफ को जताने के लिए वह अपना नाम जरूर खोलता है. लेकिन इस चिठ्ठी में बदमाश ने खुद को केवल जेल में बंद बड़ा कुख्यात बताया है, अपना नाम नहीं लिखा है. पुलिस का मानना है कि इस तरह की चिठ्ठी जेल से भेजना मुश्किल भी है और इसमें खतरे भी है. कारोबारी के बच्चे का जो फोटो भेजा गया है उसकी बैकग्राउंड को कैंची से डिजायन किया है. जेल में कैंची और 32 बोर का जिंदा कारतूस होना अब बेहद मुश्किल काम है. पुलिस ने फिलहाल केस दर्ज करके मामले की तफ्तीश शुरू की है. कारोबारी को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने की प्रक्रिया भी शुरू कराई गई है.

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