वाराणसी हादसे पर बोलीं मायावती, 'मन पर बोझ' बताकर जिम्मेदारी से ना भागे सरकार
एबीपी न्यूज | 16 May 2018 03:31 PM (IST)
मायावती ने कहा ऐसे संगीन मामलों में बीजेपी के शीर्ष नेताओं द्वारा सस्ती मानसिकता दिखाकर केवल ’’मन पर बोझ’’ बता देने से जिम्मेदारी से मुक्ति पा लेने का प्रयास सही नहीं है बल्कि इसके लिए कुछ ठोस सुधारात्मक कार्रवाई और उपाय भी करने की सख़्त जरूरत है.
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में चलते ट्रैफिक के दौरान निर्माणाधीन बड़े पुल का एक बड़ा हिस्सा गिर जाने से कल 18 लोगों की मौत पर गहरा दुख जताते हुए बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि ये एक गंभीर मामला है. इसे बिल्कुल भी हल्के में नहीं लेना चाहिए. इस घटना की तुरन्त ही उच्च-स्तरीय जांच कराकर दोषियों को कड़ी-से-कड़ी सज़ा दिलाना भी सुनिश्चित करना चाहिए ताकि ऐसी दर्दनाक घटनाओं को दोबारा होने से रोका जा सके. मायावती ने कहा ऐसे संगीन मामलों में बीजेपी के शीर्ष नेताओं द्वारा सस्ती मानसिकता दिखाकर केवल ’’मन पर बोझ’’ बता देने से जिम्मेदारी से मुक्ति पा लेने का प्रयास सही नहीं है बल्कि इसके लिए कुछ ठोस सुधारात्मक कार्रवाई और उपाय भी करने की सख़्त जरूरत है. मायावती ने कहा कि अक्सर यही देखा गया है कि सरकार पीड़ित परिवारों और घायलों आदि को अनुग्रह राशि आदि देकर अपने आपको जिम्मेदारी से मुक्त समझ लेती है जबकि इसके साथ-साथ सरकार का असली कर्तव्य है कि वह दोषियों की पहचान करके सजा सुनिश्चित करे ताकि घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो. अपराध नियन्त्रण और कानून-व्यवस्था के मामले में भी गै़र-जिम्मेदार है बीजेपी सरकार ऐसा नहीं होने के कारण ही प्रदेश में एक-के-बाद-एक लगातार गम्भीर घटनाएं होती चली जा रही हैं. वास्तव में यही बुरा और गै़र-जिम्मेदारी का हाल अपराध नियन्त्रण और कानून-व्यवस्था के मामले में भी प्रदेश बीजेपी सरकार का बना हुआ है जिस कारण प्रदेश में जमीनी स्तर पर हर तरफ हिंसा, अराजकता और जंगलराज जैसे माहौल है. केवल बीजेपी के मंत्री और इनके नेताओं के बयानों में ही लोगों को हसीन सपने दिखाए जाते हैं. दलितों के घर भोजन राजनीतिक स्वार्थ के अलावा कुछ भी नहीं मायावती ने कहा कि अपराध नियन्त्रण और कानून-व्यवस्था के साथ- साथ खासकर दलितों और पिछड़ों के खिलाफ जातिगत द्वेष, हिंसा और अन्याय-अत्याचार के मामले भी उत्तर प्रदेश में रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. इतना ही नहीं बल्कि ऐसे मामलो में अपराधियों को खुलेआम पुलिस और सरकारी संरक्षण मिलने के कारण स्थिति अत्यन्त ही गम्भीर बनती जा रही है. दलितों के घर भोजन पर मायावती ने कहा कि वोट की खातिर दलितों के घर खाना खाने आदि की नाटकबाजी इनका केवल राजनीतिक स्वार्थ के अलावा कुछ भी नहीं है. इनकी मानसिकता सदियों की तरह आज भी काफी ज़हरीली बनी हुई है जो अति-निन्दनीय है.