वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में बड़ा हादसा होने से 18 लोगों की जान चली गई. लेकिन इस हादसे सबक लेने के बजाय प्रशासन के अधिकारी लापरवाही बरतते रहे. उन्होंने न केवल सीएम योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया बल्कि आम इंसान की जिन्दगी भी दांव पर लगा दी है.

एक्सीडेंट के बाद भी प्रशासन की लापरवाही बदस्तूर जारी रही. पोल्स पर रखे हुए बीम को न ही आपस में जोड़ा गया था और ना ही उन्हें जाम किया गया था. मौके की जांच करने पर 5 खंभों पर 25 बीम उसी हालत में बिना बांधे रखे हुए दिखाई दिए.

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लापरवाही का आलम यह कि देर रात जब सीएम योगी आदित्यनाथ मौके की जांच के लिए पहुंचे तो उन्हें भी इन्हीं खतरनाक हालात में ही एक्सीडेंट स्पॉट पर ले जाया गया. एडमिनिस्ट्रेशन ने बिना उनकी सुरक्षा की परवाह किए ही उन्हें वहां पर इंस्पेक्शन कराया.

इंस्पेक्शन के समय न तो सीएम किसी तरह का प्रोटेक्टिव गियर पहने हुए थे और न ही प्रशासन के अधिकारी. इससे पहले डिप्टी सीएम केशव मौर्या ने भी इन्हीं खतरे भरे हालात में इस जगह का जायजा लिया था.

बता दें कि मंगलवार को हादसे के बाद जब राहत और बचाव कार्य चल रहा था तभी फ्लाईओवर तैयार करने के लिए बनाए गए अन्‍य पिलर्स में कंपन हो रहा था. इसके निर्माण के लिए लगाई गई शटरिंग भी टूट कर गिर गई थी, जिसकी चपेट में आते-आते कई लोग बचे थे. ठीक इसके बाद डिप्टी सीएम केशव मौर्या और सीएम योगी आदित्यनाथ ने यहां का दौरा किया था.

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तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि खंभों पर रखे हुए बीम ना तो एक दूसरे से जुड़े थे. मंगलवार की शाम हादसे का कारण भी यही था, खंबों पर रखी दो बीम आपस मे न जुड़ी होने के चलते, फिसलकर नीचे गिर पड़े.

इसी के चलते 18 लोगों की जान चली गई. जल्दी काम पूरा करने के चक्कर में एक के बाद एक खंबों पर बीम उठाकर रख दिए गए थे और उन्हें आपस मे जोड़ा नहीं गया था.

माना जा रहा है कि कंस्ट्रक्शन साइट पर हेवी व्हीकल्स की आवाजाही से होने वाले वाइब्रेशन ने बीम को अपनी जगह से खिसका दिया, जिसकी वजह से पहले रोड की तरफ वाली बीम नीचे गिरी और उसकी धमक से दूसरी बीम भी नीचे आ गई.

घटना के बाद भी उस सड़क पर ट्रैफिक चालू रखा गया है. हालांकि पुलिस ने बैरीकेडिंग कर वहां से तीन और चार पहिया वाहनों का आवागमन रोक दिया है. लेकिन एक्सीडेंट साईट पर बुधवार की सुबह भी पैदल चलने वालों और बाइक सवारों की भीड़ देखी जा सकती थी.