भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले 13 साल से हर महीने के पहले कामकाजी दिन भोपाल स्थित मंत्रालय (सचिवालय) में राष्ट्र गीत 'वंदे मातरम' गाने की परंपरा टूटने की बुधवार को आलोचना की. उन्होंने एलान किया है कि अगर कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेसनीत मध्य प्रदेश की सरकार ने इस परंपरा को जारी नहीं रखा, तो बीजेपी के सभी 109 विधायक 7 जनवरी को मंत्रालय में 'वंदे मातरम' का गान करेंगे.


मध्य प्रदेश की 15वीं विधानसभा का पांच दिवसीय प्रथम सत्र 7 जनवरी से शुरू हो रहा है. चौहान ने बुधवार को ट्विटर पर लिखा, ''अगर कांग्रेस को राष्ट्र गीत के शब्द नहीं आते हैं या फिर राष्ट्र गीत के गायन में शर्म आती है, तो मुझे बता दें! हर महीने की पहली तारीख़ को वल्लभ भवन के प्रांगण में जनता के साथ वंदे मातरम मैं गाऊंगा.''





चौहान ने आगे लिखा, ''मैं और बीजेपी के समस्त विधायक मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र की शुरूआत के पहले दिन 7 जनवरी, 2019 को सुबह 10 बजे वल्लभ भवन के प्रांगण में वंदे मातरम का गान करेंगे. इस मुहिम से जुड़ने हेतु आप सभी का स्वागत है.'' बता दें कि मध्य प्रदेश में पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने करीब 13 साल पहले हर महीने के पहले कार्यदिवस पर मंत्रालय के प्रांगण में वंदे मातरम गाने की परंपरा शुरू की थी.


कमलनाथ सरकार ने खत्म किया रिवाज, अब महीने की पहली तारीख को मंत्रालय में नहीं गाया जाएगा वंदे मातरम


वहीं, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी को इस पर राजनीति न करने का अनुरोध करते हुए कहा, ''हर माह की 1 तारीख़ को मंत्रालय में वन्दे मातरम गायन की अनिवार्यता को फ़िलहाल अभी रोक कर नये रूप में लागू करने का निर्णय लिया गया है. एक-दो दिन में इसकी घोषणा करूंगा. यह निर्णय न किसी एजेंडे के तहत लिया गया है और ना ही हमारा वंदे मातरम गायन को लेकर कोई विरोध है.''


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