कानपुर (प्रभात अवस्थी के इनपुट से). कानपुर हमले के मामले में चौबेपुर थाने में तैनात पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है. थाना प्रभारी विनय तिवारी को पहले निलंबित किया जा चुका है. इस बाच देर रात कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी ने पुलिस लाइन से चौबेपुर थाने में दस सिपाहियों को तैनात किया गया है. सभी को आज सुबह ड्यूटी पर पहुंचने का फरमान सुनाया गया है. आपको बता दें कि थाना चौबेपुर के अन्तर्गत आने वाले बिकरू गांव में पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया था.



पुलिस विभाग ने विकास दुबे के साथ थाने के पुलिस कर्मियों की मिली भगत की बात सामने आने के बाद ये कार्रवाई की है. इससे पहले कुख्यात अपराधी विकास दुबे के घर के बाहर हुई मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों के शहीद होने की घटना के बाद ड्यूटी में ढिलायी बरतने के आरोप में तीन और पुलिसकर्मियों को सोमवार को निलंबित कर दिया गया था. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी. ने बताया कि निलंबित होने वालों में उप निरीक्षक कुंवरपाल, कृष्ण कुमार शर्मा और कांस्टेबल राजीव हैं.


तीनों के खिलाफ जांच शुरू


आपको बता दें कि निलंबित होने वाले तीनों पुलिसकर्मी चौबेपुर थाने में तैनात थे. तीनों के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा और अगर जांच के दौरान उनकी भूमिका या साजिश सामने आई तो उनके खिलाफ आगे कार्रवाई की जाएगी.


पुलिस के एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि तीनों पुलिसकर्मी चौबेपुर के थाना प्रभारी विनय तिवारी के साथ विकास दुबे के घर बुधवार को गए थे. स्थानीय कारोबारी राहुल तिवारी की शिकायत पर पुलिस वहां दबिश देने गई थी. राहुल को विकास दुबे ने पुलिस की मौजूदगी में पीटा था. जब तिवारी ने बीच बचाव की कोशिश की तो दुबे ने कथित रूप से उनका मोबाइल छीनकर उनके साथ भी बदसलूकी की थी. उसके बाद दोनों के बीच कहासुनी और धक्का-मुक्की भी हुई थी. इस मामले के बाद पुलिस टीम वापस लौट आई थी. मुठभेड़ की वारदात के बाद विनय तिवारी को निलंबित कर दिया गया है.


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