लखनऊ: रामपुर से बीजेपी उम्मीदवार रहीं जयाप्रदा ने समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन टूटने पर कहा कि ये तो होना ही था लेकिन अगर कुछ दिन पहले ऐसा होता तो रामपुर में बीजेपी की जीत निश्चित थी. उन्होंने कहा कि ये एक स्वार्थ पर आधारित गठबंधन था जिसको आखिर में टूट ही जाना था. बीजेपी नेता जयाप्रदा ने आजम खान पर कहा कि उन्हें तो केवल सुर्खियों में बने रहना होता है और इसी कारण वो कुछ भी बयान देते रहते हैं.

मंत्री पद पर क्या कहा-

2014 में अमेठी में हारने के बाद भी स्मृति ईरानी को मंत्री पद दिया गया था. जब जयाप्रदा से पूछा गया कि क्या वे भी मंत्री पद चाहती हैं तो उन्होंने इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि ये किसी भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को तय करना होता है कि वो अपने कार्यकर्ता को क्या जिम्मेदारी देना चाहते हैं.

उन्होंने कहा, जब मैं समाजवादी पार्टी में थी तब भी मैंने यही कहा था कि मैं केवल जनता की सेवा करना चाहती हूं लेकिन जब मुझे रामपुर से चुनाव लड़ने को कहा गया तो मैंने उनकी बात मानी. बीजेपी में मुझे जो भी आदेश दिया जाएगा मैं उसका पालन करूंगी.

आजम खान पर क्या कहा-

जयाप्रदा ने कहा कि आजम खान को कुछ भी बोलने की आदत है. वो विधायक पद से इस्तीफा देते हैं फिर कभी सांसद पद से इस्तीफा देकर विधानसभा लड़ने की बात करते हैं. उनको सुर्खियों में रहना होता है और इस शौक को पूरा करने के लिए वो कुछ भी बोल सकते हैं.

गठबंधन के टूटने पर क्या कहा-

सपा-बसपा-रालोद के गठबंधन टूटने पर जयाप्रदा ने कहा कि ये तो होना ही था. ये गठबंधन स्वार्थ के रिश्तों पर टिका था. मायावती को प्रधानमंत्री बनना था और अखिलेश को मुख्यमंत्री बनना था. जब ऐसा हो ही नहीं सका तो गठबंधन टूट गया. हालांकि अगर ये कुछ वक्त पहले होता तो बेहतर होता. उन्होंने कहा कि अगर सपा और बसपा अलग अलग चुनाव मैदान में उतरते तो बीजेपी की जीत निश्चित थी.