लखनऊ: योगी राज में उत्तर प्रदेश की बारह जेलों में गौशालायें खोलने की तैयारी है. चार जेलों में तो काम भी शुरू हो गया है. जेल में गौशाला खोले जाने को लेकर लखनऊ में बैठक हुई. मीटिंग में तय हुआ कब, कैसे और कहां जेल में गौशाला बनाई जाएं.
जेल विभाग के सीनियर अधिकारियों की बैठक में जेल में गौशाला को लेकर ब्लू प्रिंट तैयार हुआ. पहले चरण में बारह जेलों में इसे शुरू किया जा रहा है. जेल विभाग के एडीजी चंद्र प्रकाश ने बताया कि कई जेलों में हमारे पास ऐसी जमीन हैं, जिसका कोई उपयोग नहीं हो रहा है.
उन्होंने कहा कि गौशाला शुरू करने के लिए अलग से लोगों की ज़रूरत भी नहीं पड़ेगी, बंदियों को गाय की देख भाल में लगाया जाएगा.
गौशाला से मिलने वाले दूध की उपयोग जेल में ही होगा. दूध का उत्पादन अधिक होने पर उसे बाज़ार में बेचने की योजना है. इसके लिए एक अलग नाम से ब्राण्ड बनाने की चर्चा है. कुछ गायें तो सहकारी सोसाइटी से ली जायेंगी और सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं को भी लाया जाएगा.
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पहले चरण में जिन बारह जेलों में गोशाला खोलने की फ़ैसला हुआ है उनके नाम हैं - मेरठ, गौतमबुद्ध नगर, फ़िरोज़ाबाद, गोरखपुर, बलरामपुर, रायबरेली, कन्नौज, कानपुर देहात, बाराबंकी, सुल्तानपुर, सीतापुर और आगरा.
गौशाला खोलने के लिए 2 करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया गया है. सूत्रों की मानें तो अगले तीन महीनों में गौशाला तैयार हो जाएंगी. ख़ुद मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ इसका उद्घाटन करेंगे. दूसरे चरण में बाक़ी जेलों में गौशाला शुरू की जायेगी.
यूपी में कुल 70 जेल हैं. सीएम बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सभी 75 जिलों में गौशाला खोलने का एलान किया था लेकिन अब तक इस योजना पर काम शुरू नहीं हुआ है.