पटना: सूर्य उपासना के महापर्व छठ के तीसरे दिन मंगलवार की शाम व्रतियों ने बिहार की राजधानी पटना सहित राज्य के अलग-अलग भागों में अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. लोक आस्था के महापर्व के तीसरे दिन आज शाम व्रतियों ने पटना में गंगा किनारे और राज्य के विभिन्न इलाकों में अन्य नदियों, तालाबों और जगह-जगह बनाए गये पानी के कुंडों में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को पहला अर्घ्य दिया. बुधवार की सुबह उदीयमान सूर्य को व्रतियों द्वारा दूसरा अर्घ्य देने के बाद पारण के साथ यह पर्व संपन्न हो जाएगा .

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के परिवार में उनकी भतीजी सुनीता, साले की पत्नी और भांजे की पत्नी ने छठ पर्व के अवसर पर व्रत रखा है. नीतीश ने अपने परिवार की व्रती महिलाओं के साथ मुख्यमंत्री आवास परिसर में पानी के कुंड में खड़े होकर अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया. इस अवसर पर उनके साथ कुंड में खड़े होकर परिवार के अन्य सदस्यों और करीबी लोगों ने व्रतियों को अर्घ्य देने में मदद की.

इस मौके पर मुख्यमंत्री के बड़े भाई सतीश कुमार, पुत्र निशांत, साले अरूण, बहनोई अनिल, भांजे मनीष कुमार और जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर, हरेंद्र सिंह सहित अन्य करीबी लोग उपस्थित थे. अपने आवास पर अर्घ्य देने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वरिष्ठ मंत्री और बीजेपी नंदकिशोर यादव और जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के साथ एक स्टीमर पर सवार होकर गंगा नदी के किनारे विभिन्न घाटों पर छठ व्रतियों के लिए प्रशासन की तरफ से की गयी व्यवस्था का जायजा लिया. इसके साथ ही उन्होंने डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने वाले छठ व्रतियों को हाथ जोड़कर नमन किया.

पटना में गंगा किनारे मौजूद घाटों का भ्रमण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान नीतीश ने प्रदेश और देशवासियों को इस पर्व की शुभकामना दी और कहा कि इस पर्व को जिस प्रकार से लोग अनुशासित होकर मनाते हैं, उसके एक अंश को भी अपने जीवन में उतार लें तो लोगों की जिंदगी काफी आसान हो जाने के साथ समाज में सुधार आ जाएगा. उन्होंने कहा कि सूर्य की पूजा प्रकृति की पूजा है और यह मामूली बात नहीं है क्योंकि पृथ्वी सूर्य पर ही निर्भर है इसलिए इससे बडी आस्था की बात कुछ और हो नहीं सकती है. जिन्हें हम प्रत्यक्ष तौर पर देखते हैं उनकी पूजा करते हैं इसलिए यह लोकआस्था है.

इस बीच आऱजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने ट्वीट कर छठ पर्व के बारे में कहा '‘अपने आप में यह पर्व विशिष्ट है. इसमें किसी पंडित या पुरोहित की आवश्यकता नहीं होती. छठ में इस्तेमाल होने वाली सभी वस्तुएं और सामग्री प्राकृतिक होती हैं.’’ उन्होंने कहा '‘छठ पूजा में इस्तेमाल होने वाली सामग्री हर आय वर्ग के दायरे में होती है और यही इसकी विशेषता है. इसमें किसी प्रकार की आधुनिकता का भौंडा प्रदर्शन नहीं होता. नदियों और तालाबों में अर्घ्य के बाद जो भी चीजें डाली जाती हैं, वह धीरे-धीरे पानी में गल जाती है और इससे कोई नुकसान नहीं होता'.

लालू चारा घोटाले से जुडे मामले में सजायाफ्ता हैं और वर्तमान में रांची स्थित रिम्स में इलाज करा रहे हैं. लालू ने ट्वीट कर कहा 'छठ पूजा पर गाए जाने वाले लोकगीतों में स्त्री व्यक्तित्व की प्रधानता, समानता, सामाजिक समरसता, प्रकृति संरक्षण और जैव विविधता के कई संदेश हैं. मुझे लोक गीतों को सुनना अच्छा लगता है और इनका अपना विशिष्ट स्थान है'. लालू पिछले सालों में हमेशा अपनी पत्नी राबड़ी देवी को इस पर्व को पूरी आस्था के साथ मनाने में सहयोग करते दिखते थे. उन्होंने कहा '‘असंख्य लोगों ने बधाई देते हुए कई बार कहा कि हमारी वजह से इस पर्व को राष्ट्रीय ही नहीं अपितु अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली. ऐसे शुभचिंतकों को मैं इतना कहना चाहता हूँ कि जो कुछ है वो सब आपकी बदौलत है.’’ लालू ने कहा 'छठ मैया आपकी मनोकामना पूर्ण कर आपके जीवन में सुख,शांति, समृद्धि, प्रेम और बरकत दें.’ आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी स्वास्थ्य कारणों से इस बार छठ के अवसर पर व्रत नहीं रख पायी हैं.