उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के अमरोहा में कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान ने दलित आंदोलन में हुए बवाल पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लोगों को भड़काया गया है. असमाजिक तत्व इसमें शामिल थे पर जो भी कानून हाथ में लेगा उसके खिलाफ कार्यवाही होगी. हम आरक्षण के खिलाफ नही हैं हमने सुप्रीम कोर्ट में अपनी तरफ से अपील करके गुजारिश की है कि जैसा कानून पहले था वो वैसा ही रहे. सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला है वो अपनी जगह है. ये सब दूसरी पार्टियां करा रही हैं क्योंकि मध्य प्रदेश और राजस्थान चुनाव हैं इसलिए घटनाएं वहां ज्यादा हो रही हैं.
कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान आज स्कूल चलो अभियान के अंतर्गत एक होटल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करने पहुंचे थे. मंत्री चेतन चौहान ने कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद प्रेस वार्ता की और सवालों पर जवाब देते हुए मंत्री चेतन चौहान ने कहा कि दलितों का जो आंदोलन हुआ वह पूरी तरीके से सुनियोजित था और उसके पीछे विपक्षी पार्टियों व असामाजिक तत्वों का हाथ था.
हम लोग आपको बता देना चाहते हैं कि जो लोग भी उसके पीछे दोषी हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी चाहें वह कोई भी हो किसी को बख्शा नहीं जाएगा. मंत्री चेतन चौहान ने कहा कि मैं विपक्षी पार्टियों पर आरोप लगाता हूं कि यह सारा काम उनके द्वारा प्लान किया गया था और लोगों को भड़काया गया था.
इसके अलावा चेतन चौहान ने दंगाइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात भी कही. चेतन चौहान ने शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे लगातार सरकार के कार्यों के बारे में बताते हुए कहा कि पिछले दिनों सरकार ने इतने सख्त फैसले लिए की हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा में पैसे देकर पास होने वाले सभी छात्र छात्राओं ने डर के मारे परीक्षा ही छोड़ दी.
लोग परीक्षा देने ही नहीं गए इससे बढ़कर सरकार की और क्या उपलब्धी हो सकती है कि उन्होंने नकल माफियाओं पर पूरी तरीके से पाबंदी लगा दी. कुछ जगह पर नकल माफिया हावी जरूर होते दिखाई दिए लेकिन उनके मंसूबों पर छात्राओं और छात्रों के पेपर न देने से पानी फिर गया.
इसके अलावा मंत्री चेतन चौहान ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 5 बाबाओं कोराज्यमंत्री बनाए जाने के मामले में बयान देते हुए कहा कि 5 बाबाओं को दर्जा देने के मामले में मुझे जानकारी नहीं है. फिर भी अगर सरकार उन्हें मंत्री बना रही होगी तो निश्चित तौर पर वो लोग सामाजिक-राजनैतिक व धार्मिक क्षेत्र में कुछ ना कुछ उपलब्धियां रखते होंगे. शायद यही वजह है कि सरकार उनके लिए सोच रही है.