लखनऊ: यूपी में बीजेपी विधायकों की आम शिकायत है कि अधिकारी उनकी सुनते नहीं हैं. उनके कहने पर कुछ करते नहीं हैं. उनकी लिखी चिट्ठियों पर कार्रवाई नहीं होती है. लेकिन अब तो बात आगे बढ़ गई है. पार्टी के एक एमएलए की शिकायत है कि अफ़सर हमें ठीक से बैठाते तक नहीं हैं. अब बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक जा पहुंची है.
ताज़ा मामला बुंदेलखंड के बांदा जिले का है. ब्रजेश प्रजापति यहां से बीजेपी विधायक हैं. वे पहली बार तिंदवारी से चुनाव जीते हैं. 23 जून को बांदा की एसपी शालिनी ने समन्वय समिति की बैठक बुलाई थी. पुलिस लाइन में मीटिंग हुई. डीएम दिव्य प्रकाश गिरी भी वहां पहुंचे.
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विधायक ब्रजेश प्रजापति बैठक के लिए बताए गए वक़्त पर शाम 5 बजे पहुंच गए. एसपी 40 मिनट लेट पहुंची. विधायक इंतज़ार करते रहे. डीएम और एसपी के लिए दो बड़ी और ऊंची वीआईपी कुर्सियां लगाई गईं थीं. लेकिन एमएलए के लिए जनरल कुर्सी लगी थी.
दोनों अधिकारियों के सामने माइक लगे थे. लेकिन विधायक के लिए कोई इंतज़ाम नहीं थ. अपने ही लोगों के बीच बीजेपी एमएलए ब्रजेश प्रजापति की किरकिरी हो गई. अब विधायक ब्रजेश प्रजापति ने सीएम योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी है.
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उनका कहना है,"प्रोटोकॉल में एमएलए का क़द प्रमुख सचिव से भी बड़ा है. लेकिन एसपी और डीएम ने उनकी बेइज़्ज़ती की है." ब्रजेश ने योगी से एसपी शालिनी के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है. उन्होनें मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी में सबूत के तौर पर मीटिंग की फ़ोटो भी भेज दी है.
बांदा सदर के विधायक प्रकाश द्विवेदी का आरोप है कि एसपी शालिनी का जन प्रतिनिधियों से व्यवहार ख़राब रहता है. इसीलिए अब मैं बैठकों में नहीं जाता हूं. बांदा के डीआईजी मनोज तिवारी ने कहा,"मुझे ब्रजेश प्रजापति की शिकायत के बारे में पता चला है. मैंने उनसे बात की है. मामले की जांच कर रहा हूं."
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इससे पहले बीजेपी और यूपी सरकार की बैठकों में भी अफ़सरों की तानाशाही का मुद्दा उठता रहा है. सीएम योगी आदित्यनाथ इस बारे में अधिकारियों की क्लास भी लगा चुके हैं. चीफ़ सेक्रेटरी ने सभी जिलों के डीएम और एसपी को विधायकों और सांसदों को पूरा सम्मान देने को कहा है. लेकिन शिकायतें कम नहीं हुई हैं. सीएम ऑफ़िस के एक आईएएस अधिकारी के बारे में भी ऐसा कहा जाता है. कुछ नेताओं ने बताया कि वे बैठने तक के लिए नहीं कहते हैं.