लखनऊ: मोदी लहर के बीच यूपी में प्रचंड बहुमत से जीत हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान नहीं किया है. आज शाम लखनऊ में होने वाली बीजेपी की विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री का चुनाव होगा. यूपी का अगला सीएम कौन होगा लेकिन ये कहना तो अभी मुश्किल है लेकिन उत्तर प्रदेश में बीजेपी की बनने वाली नई सरकार में अनुभव और युवा दोनों को तरजीह मिलने की संभावना है. यही नहीं, सामाजिक समीकरण साधने के साथ ही क्षेत्रीय संतुलन को भी तवज्जो दिया जाएगा. पार्टी यूपी में कई नए चेहरों को सरकार में मौका दे सकती है, लेकिन आधी आबादी को भी पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिलना तय है.


पूर्व की सरकारों में मंत्री रहे चेहरों को तरजीह


पार्टी सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री कोई भी हो, उसके साथ तकरीबन चार दर्जन मंत्रियों का बनना तय है, इनमें कई वरिष्ठ नेता व पूर्व की सरकारों में मंत्री रहे चेहरों को तरजीह मिल सकती है.


मसलन, बीजेपी सरकार में पार्टी के वरिष्ठ नेता और सबसे ज्यादा आठ बार विधायक चुने गए सुरेश खन्ना, सातवीं बार विधायक बने सतीश महाना, वरिष्ठ नेता राधा मोहन दास अग्रवाल, हृदय नारायण दीक्षित, वरिष्ठ नेता सूर्य प्रताप शाही, जयप्रताप सिंह, जगन प्रसाद गर्ग, धर्मपाल सिंह, राजेंद्र सिंह उर्फ मोती सिंह, उपेंद्र तिवारी, दल बहादुर, सत्यप्रकाश अग्रवाल, कृष्णा पासवान, राजेश अग्रवाल, श्रीराम सोनकर, वीरेंद्र सिंह सिरोही, रमापति शास्त्री और अक्षयवर लाल को कैबिनेट में जगह मिल सकती है.


झांसी से दूसरी बार विधायक बने रवि शर्मा का नाम भी आगे


युवा नेताओं में सिद्धार्थनाथ सिंह, श्रीकांत शर्मा, देवमणि द्विवेदी और मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से चुनाव जीते युवा नेताओं को सरकार में शामिल किया जा सकता है. बुंदेलखंड क्षेत्र के झांसी से दूसरी बार विधायक बने रवि शर्मा का नाम भी आगे है. इन्हीं नेताओं में से एक को विधानसभा अध्यक्ष का पद मिल सकता है.


नई सरकार में मानिकपुर से जीते और पूर्व सांसद आर के पटेल को मौका मिल सकता है. नेता प्रतिपक्ष रह चुके स्वामी प्रसाद मौर्य, पूर्व मुख्यमंत्री वीरबहादुर सिंह के पुत्र पूर्व मंत्री फतेहबहादुर सिंह और पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी की दावेदारी बढ़ गई है.


लखनऊ से भी कई चेहरों को शामिल किए जाने की चर्चा


बीजेपी सरकार में लखनऊ से भी कई चेहरों को शामिल किए जाने की चर्चा जोरों पर है, इनमें मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को हराने वाली रीता बहुगुणा जोशी, लालजी टंडन के पुत्र आशुतोष टंडन प्रमुख हैं. साथ ही बृजेश पाठक और दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह को भी मौका मिल सकता है.


'सबका साथ सबका विकास' की रट लगा रही बीजेपी ने भले ही अल्पसंख्यकों के एक बड़े वर्ग मुस्लिम समुदाय से किसी को टिकट न दिया हो, लेकिन अल्पसंख्यक (सिख) कोटे से विधायक हरिमिंदर सिंह उर्फ रोमी साहनी को जगह मिलनी तय है. वह बसपा छोड़कर बीजेपी में आए और विधायक चुने गए हैं.


महिलाओं को मंत्रिमंडल में भरपूर भागीदारी दे सकती है BJP


बीजेपी इस बार महिलाओं को मंत्रिमंडल में भरपूर भागीदारी दे सकती है. इनमें रीता बहुगुणा जोशी, कृष्णा पासवान, प्रदेश महामंत्री अनुपमा जायसवाल, मंत्री नीलिमा कटियार, महिला मोर्चा की अध्यक्ष स्वाति सिंह के अलावा रजनी तिवारी, रानी पक्षालिका सिंह व कांग्रेस के गढ़ को फतह करने वाली भूपति भवन की रानी गरिमा सिंह (कांग्रेस नेता संजय सिंह की पहली पत्नी) को भी मौका मिल सकता है.


बीजेपी सरकार में गठबंधन की घटक पार्टियों- अपना दल (सोनेलाल) और भारतीय समाज पार्टी (बीएसपी) को एक-एक मंत्री पद मिलना तय है. भासपा कोटे से अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर व अपना दल कोटे से दोबारा विधायक बने आर.के. वर्मा का नाम चर्चा में है.