लखनऊ: लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर यूपी में बीजेपी की मंथन बैठकों का दौर शुरू हो गया है. इसके लिए पार्टी के 10 बड़े नेताओं की एक कमेटी बनाई गई है. सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, दिनेश शर्मा, बीजेपी महासचिव भूपेन्द्र यादव, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे और संगठन मंत्री सुनील बंसल जैसे नेताओं को इस कमेटी में रखा गया है.


सीएम योगी, केशव प्रसाद मौर्य और सुनील बंसल को तीन तीन मंडलों की ज़िम्मेदारी दी गई है. यूपी में 18 मंडल हैं. हर मंडल के सांसद, विधायक और पार्टी नेताओं की क्लास इसी इलाक़े में लगेगी. समीक्षा बैठकों के बाद रिपोर्ट अमित शाह को भेजी जा सकती है. इसी रिपोर्ट के बाद शाह यूपी का दौरा करेंगे.

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव ने मुरादाबाद में लोकसभा संचालन समिति की मीटिंग ली. इसके बाद उन्होंने इलाक़े के सांसदों, विधायकों और संगठन के लिये काम करने वाले नेताओं से बातचीत की. 27 सितंबर को पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बैठक होगी.



सीएम योगी आदित्यनाथ को यहाँ की ज़िम्मेदारी दी गई है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पांडे भी मीटिंग में मौजूद रहेंगे. वाराणसी से मोदी को चुनाव लड़ना है इसीलिए ख़ुद मुख्यमंत्री ने ही चुनावी तैयारी की कमान संभाल ली है.

उन्हें गोरखपुर के साथ साथ मुज़फ़्फ़रनगर मंडल की भी ज़िम्मेदारी दी गई है. मुज़फ़्फ़रनगर में हुए हिंदू मुस्लिम दंगे के बाद से ही यूपी में बीजेपी की हवा बनने लगी थी. पार्टी इस माहौल को बचाए और बनाए रखने के मूड में है.

मुज़फ़्फ़रनगर में बैठक 30 सितंबर को बुलाई गई है. गोरखपुर लोकसभा के उपचुनाव में मिली हार को योगी अब तक पचा नहीं पाये हैं. यहाँ से वे लगातार 5 बार सांसद रहे. योगी के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपना घर बचाने की है.



दो दर्जन पिछड़ा वर्ग सम्मेलन कराने के बाद से ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य चर्चा में हैं. उन्हें आज़मगढ़, बलिया और इलाहाबाद मंडलों की ज़िम्मेदारी दी गई है. केशव शुरूआत बलिया से करेंगे, जहाँ 27 सितंबर को बैठक होनी है.

इलाहाबाद के फूलपुर से ही वे 2014 में एमपी का चुनाव जीते थे लेकिन इस साल हुए उपचुनाव में केशव भी अपना घर नहीं बचा पाये. यहाँ केशव मौर्य और सुनील बंसल मिल कर पार्टी के कार्यकर्ताओं की क्लास लगायेंगे. चुनावी रणनीति पर चर्चा होगी.

ग़ाज़ियाबाद मंडल की ज़िम्मेदारी सुनील बंसल को मिली है. लखनऊ मंडल बड़ा है, इसमें 6 बड़े जिले आते हैं इसीलिए यहाँ की बैठक दो जगह सीतापुर और लखनऊ में होगी. यूपी मे लोकसभा की 80 सीटें हैं. सभी संसदीय क्षेत्रों के लिए अलग अलग संचालन समिति बनाई गई है.



पहली बार इन समितियों के कामकाज की भी समीक्षा होगी. बीजेपी का सारा ज़ोर मोदी सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं के सहारे वोटरों तक पहुँचने पर है. उज्जवला योजना, पीएम आवास योजना, शौचालय स्कीम में फ़ायदा लेने वालों को बीजेपी का वोटर कैसे बनाया जाए. योगी सरकार के क़र्ज़ माफ़ी योजना में जिन किसानों को लाभ मिला, उनको भी अपना बनाने पर काम चल रहा है.

अब तक क्या क्या हुआ है और लोकसभा चुनाव में कौन सी ज़िम्मेदारी किस तरह के नेताओं को दी जाए. इस पर लंबी चर्चा होगी. हाईपावर मंडल बैठकों को अगले दस दिनों में पूरा कर लेने को कहा गया है. मंथन मीटिंग से निकले राजनैतिक अनुभवों के आधार पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आगे की रणनीति पर काम करेंगे. फिर शुरू होगा अमित शाह का बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन.