नई दिल्ली: बिहार जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ सिंह ने अपने बयान से साफ कर दिया है कि उपेंद्र कुशवाहा रहे या जाएं एनडीए पर फर्क नहीं पड़ेगा. जेडीयू का ये बयान इसलिए आया है क्योंकि कुशवाहा की पार्टी के लोग लगातार एनडीए छोड़ने की धमकी दे रहे हैं. गुरुवार को भी आरएलएसपी के कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि ने इस महागठबंधन का जिक्र किया था.

बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं. कहा जा रहा है कि इस बार एनडीए में कुशवाहा को महज दो सीटें ही मिल सकती हैं. लेकिन कुशवाहा की पार्टी तीन या उससे ज्यादा सीटें चाहती है. कुशवाहा का कहना है कि हमारी पार्टी का ग्राफ पिछली बार के मुकाबले बढ़ा है. ऐसे में सीटों की संख्या का एलान होते वक्त इसका ख्याल रखा जाना चाहिए.

शनिवार को पटना में दोपहर 12 बजे आरएलएसपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक है. उपेन्द्र कुशवाहा सुबह 8 बजे की फ्लाइट से पटना जाएंगे. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह अगर रात 10-11 बजे भी समय दे देंगे तो कुशवाहा मुलाकात करेंगे.

ये हो सकता था कि बीजेपी और जेडीयू का नेतृत्व कुशवाहा की मांग देर सवेर मान लेता. लेकिन कुशवाहा ने नीतीश पर लगातार हमला करके दबाव की राजनीति शुरू कर दी. आरोप है कि नीचे शब्द को नीच बताकर कुशवाहा ने नीतीश को घेरना शुरू कर दिया. नीतीश पर नीच वाला हमला हुआ तो कुशवाहा को छोड़ बिहार का पूरा एनडीए हिल गया. सुशील मोदी से लेकर चिराग पासवान तक नीतीश के साथ खड़े हो गये. यानी एनडीए में कुशवाहा अलग थलग पड़ गये. अब हो सकता है कि शनिवार को पटना में होने वाली पार्टी की बैठक में उपेंद्र कुशवाहा एनडीए से अलग होने का औपचारिक एलान कर दें.