नई दिल्ली: मस्तिष्क ज्वर (चमकी बुखार) जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए है. राज्य सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य केंद्रों में स्वीकृत 12,206 पदों के लिये सिर्फ 5,205 डॉक्टर ही तैनात हैं. सुप्रीम कोर्ट में दिये गए हलफनामे में राज्य सरकार ने कहा कि सरकार की तरफ से संचालित अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में स्वीकृत क्षमता 19,155 के मुकाबले सिर्फ 5,634 नर्सें ही तैनात हैं.

कोर्ट ने 24 जून को राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं, पोषण और साफ-सफाई को लेकर एक हफ्ते में मौजूदा स्थिति से उसे अवगत कराए. मुजफ्फरपुर में मस्तिष्क ज्वर से 100 से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद कोर्ट ने यह निर्देश दिया था.

इस बीमारी के संदर्भ में राज्य सरकार ने कहा कि कुल 824 मामले सामने आएं हैं और कुल 157 मौत हुई हैं. इसमें हालांकि कहा गया कि यह नहीं पता कि मस्तिष्क ज्वर से हुई मौत के 215 मामलों में से 24 इस बीमारी से हुई हैं या नहीं. बिहार सरकार ने कहा कि राज्य में डॉक्टरों और नर्सों के क्रमश: 57 और 71 फीसद पद खाली हैं.

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