पटना: बिहार में विपक्षी दलों के बने महागठबंधन में शामिल दलों में तनातनी के बीच यहां तीसरे मोर्चे के कयास लगने लगे हैं. कई पार्टियों के नेताओं के हाल के दिनों में हुई मुलाकातों ने इस संभावना को बल दिया है. जन अधिकार पार्टी के प्रमुख और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने गुरुवार को हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और सीपीआई नेता और बेगूसराय से लोकसभा चुनाव लड़ चुके कन्हैया कुमार से मुलाकात की और दोनों नेताओं से लंबी बात की.

पप्पू यादव के नजदीकी लोगों का कहना है कि पूर्व सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बातचीत की, जिसमें यादव ने मांझी को तीसरे मोर्चे का नेतृत्व करने का निमंत्रण दिया है. पप्पू यादव ने अपनी पार्टी के दफ्तर में कन्हैया कुमार से भी मुलाकात की. सूत्र बताते हैं कि इस मुलाकात में भी तीसरे मोर्चे के गठन को लेकर चर्चा हुई. पप्पू यादव ने कहा, "अगर मांझी और कन्हैया जैसे लोग बिहार को नेतृत्व देते हैं तो वह साथ देने को तैयार हैं. अगर कांग्रेस तीसरे मोर्चे का नेतृत्व करे तो बिहार में नए विकल्प की तलाश की जा सकती है."

पूर्व सांसद ने तीसरे मोर्चे के संबंध में पूछे जाने पर कहा, "मैं तो प्रारंभ से ही खाद बनने को तैयार हूं, जिससे 30 वर्षों में बर्बाद हुए बिहार में हरियाली लाई जा सके." उन्होंने कहा कि उन्हें मोर्चा आदि पर विश्वास नहीं, बल्कि वह बिहार की भलाई की बात कर रहे हैं. बिहार में जाति, धर्म और उन्माद की राजनीति बंद होनी चाहिए और केवल विकास की बात होनी चाहिए.

सूत्रों का कहना है कि पप्पू यादव बिहार में तीसरे मोर्चे के गठन की कोशिश में लगे हैं. उनकी इच्छा बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के पूर्व तीसरे मोर्चे के गठन की है, जिसमें वह सभी छोटे दलों को शामिल करने की कोशिश में लगे हुए हैं. पप्पू यादव के करीबियों का मानना है कि इस तीसरे मोर्चे में आरजेडी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के दलों का स्थान नहीं होगा. गौरतलब है कि तेजस्वी यादव की गैरमौजूदगी को लेकर महागठबंधन में तनातनी की स्थिति बनी हुई है. मांझी ने तो महागठबंधन से अलग होकर विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है.