पटना: बिहार में बाढ़ की चपेट में 16 जिले हैं. राजधानी पटना की हालत खराब है. इस बीच पटना, वैशाली, बेगूसराय और खगड़िया जिले में 3 और 4 अक्टूबर को ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. बाढ़ की वजह से अबतक बिहार में 42 लोगों की मौत हो चुकी है. राहत और बचाव का कार्य जारी है.


बीते दिनों में हुई भारी बारिश के बाद पटना शहरी क्षेत्र और पटना जिले के अलग-अलग इलाकों में जलजमाव की स्थिति को देखने हुए डीएम ने पटना ने दिए सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल और कोचिंग संस्थानों को 3 और 4 अक्टूबर को बंद रखने का आदेश दिया है.


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पटना में लोगों के बीच राहत सामग्री बांटी जा रही है. खाने के पैकेट और पानी बांटे जा रहे हैं. एनडीआरएफ और एसडीआरफ की टीम रेस्क्यू के काम में लगी हुई है. पटना में जगह-जगह बिजली रिपेयर का काम चल रहा है. जिन इलाक़ों में जलस्तर कम हुआ है वहां नगर निगम की तरफ से फॉगिंग मशीन की मदद से मच्छर-कीड़े को मारने की दवा का छिड़काव किया जा रहा है. उधर आज केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद पटना के राजेंद्र नगर पहुंचे और अधिकारियों से बात की. नाव में बैठकर वे इलाके का जायजा लिया.


इसके साथ ही पटना के कुछ इलाकों में मदद नहीं मिलने से लोगों का गुस्सा फूट रहा है. पटना के अगमकुआं थाना क्षेत्र के नंदलाल छपरा इलाके के NH 30 हाइवे के पास स्थानीय लोगों ने सड़क जाम और आगजनी कर जमकर हंगामा किया. स्थानीय लोग जलजमाव की समस्या से काफी परेशान है. स्थानीय लोगों का कहना है कि तीन से चार फीट पानी अभी भी सड़क पर जमा हुआ है. इसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी हो रही है लेकिन सरकार की तरफ से अभी कोई पहल नहीं की गई है.


वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज के अखबारों में विज्ञापन देकर लोगों से मुख्यमंत्री राहत कोष में खुलकर दान देने की अपील की है. नीतीश कुमार ने बाढ़ को प्राकृति आपदा बताते हुए लोगों से पैसे मांगे हैं. इस विज्ञापन में देश के लोगों के साथ ही विदेशियों से भी राहत कोष में मदद की अपील की गई है.


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