नालंदा: बिहार में नए साल की शुरुआत बेहद खराब रही और एक बार फिर अपराध और खून-खराबे ने सूबे की प्रशासन व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में एक हत्या के विरोध में भीड़ ने दो लोगों की ईंट पत्थर से पीट-पीट कर हत्या कर दी. ये घटना नालंदा के दीपनगर थाना क्षेत्र के मघरासराय की है.

दरअसल नालंदा के स्थानीय आरजेडी नेता इंदर पासवान की बुधवार को हत्या कर दी गई. इंदर का झगड़ा गांव के ही राजू यादव नाम के शख्स से चल रहा था. हत्या ठीक राजू यादव के घर के सामने खेत में में हुई थी. सुबह जब गांव के लोगों ने लाश देखी तो उनका शक राजू यादव के परिवार पर गया. इंदर पासवान के समर्थक और रिश्तेदारों ने राजू यादव के घर पर हमला कर दिया. राजू तो फरार हो गया लेकिन उसका चचेरा भाई रंजन यादव पकड़ा गया और भीड़ ने उसे मार डाला. रंजन की उम्र पन्द्रह साल थी.

रंजन के दादा चुन्नी लाल भी भीड़ के हत्थे चढ़ गए और हमले में वे घायल हो गए. फिलहाल वे अस्पताल में भर्ती हैं. भीड़ काफी उग्र थी. किसी ने हिम्मत नहीं कि इसे रोकें. पुलिस जबतक पहुंच पाती तीन घरों में से एक में आग लगा दी और दूसरे को ढहा दिया. तीसरे घर में तोड़ फोड़ कर दी. पुलिस के आने से पहले दो हत्या हो गई दो घायल हुए.

इसके अलावा भीड़ ने सिंटू मालाकार नाम के शख्स की भी हत्या कर दी. सिंटू की बहन रूचि बताती हैं कि किस तरह से उनके भाई को घर से निकाल कर बेरहमी से पीट-पीट कर मार डाला था. शक के आधार पर उसके घर पर लोगों ने सुबह-सुबह धावा बोल दिया. सिंटू मालाकार और राजू यादव के बीच दोस्ती थी.

डीआईजी पटना राजेश कुमार का कहना है कि इंदर पासवान की हत्या के शक के आधार पर इन परिवारों पर हमला बोल दिया. हालांकि हत्या किसने को और कौन असल में गुनहगार हैं इसका पता नहीं लग पाया. पुलिस तफ्तीश में जुटी है. पुलिस का कहना है कि राजू यादव के परिवार वालों का आपराधिक इतिहास है.