हाजीपुर: सोशल मीडिया पर बिहार के एक सरपंच का वीडियो वायरल हो रहा है. वैशाली जिले के सहदेई बुजुर्ग प्रखण्ड अंतर्गत पोहियार पंचायत के एससी/एसटी कोटे से बने सरपंच सुरेंद्र पासवान ये कहते दिख रहे हैं कि अगर उन्हें प्रणाम नहीं किया तो वे आचरण प्रमाण पत्र नहीं देंगे. आर्मी बहाली को लेकर यश प्रताप सिंह नाम का युवक आचरण प्रमाण पत्र के लिए सरपंच के यहां पहुंचा था. शख्स सवर्ण समुदाय से है. हालांकि बाद में उन्होंने प्रमाण पत्र बनाकर दे दिया.

पूरा देश एससी/एसटी एक्ट में संशोधन को लेकर आमने सामने आया. इसका साइड इफेक्ट भी दिख रहा है. वायरल वीडियो में युवक आचरण प्रमाण पत्र नहीं बनाने की वजह पूछ रहा है. इसपर सरपंच यह कह रहे हैं कि तुमने मुझे प्रणाम नहीं किया है इसलिए तुम्हारा प्रमाण पत्र नहीं बनाऊंगा. इसका दूसरा पक्ष यह भी है कि सरपंच बन गए तो क्या हुआ प्रणाम नहीं करेंगे.

हालांकि जब इस विषय मे सरपंच सुरेंद्र पासवान से बात की तो उन्होंने अपनी गलती स्वीकार करते हुए क्षमा याचना की और यह भी सुनवाया कि इस घटना के बाद उन्हें मोबाइल पर किस तरह भद्दी-भद्दी गालियां दी जा रही हैं. सरपंच ने बार बार माफी मांगते हुए गलती स्वीकार की. इसके साथ ही एससी होने और सरपंच बनने के बाद उसके साथ हुए व्यवहार का रोना भी रोया.

वहीं इस मामले में यश प्रताप सिंह ने बताया कि किसी को प्रणाम नहीं करने से कहीं किसी का आचरण खराब होता है क्या? मेरी उम्र कम है, सभी लोग मुझे ही दोषी ठहराते इसलिए मैंने इस वीडियो को वायरल किया. ताकि सभी लोग देख लें कि जिसे हमने वोट दिया है वो हमारे साथ कैसा सोच रखते है और किस तरह पेश आते हैं.

हालांकि बात बढ़ने पर जब मेरे पिता सरपंच सुरेंद्र पासवान के पास पहुंचे तो उन्होंने प्रमाणपत्र बनाकर दे दिए. इस मामले के वायरल होने पर सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष आमोद निराला ने तीन दिनों के अंदर जांच कर दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की बात कही है.