Lok Sabha Election 2019: बिहार में समाजवादी पार्टी के इकलौते उम्मीदवार घनश्याम तिवारी ने कहा है कि काराकाट निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए उन्होंने लक्ष्य तैयार किए हैं. उनका कहना है कि वह बीजेपी के उम्मीदवारों की तरह नहीं हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनाव में जीत हासिल करना चाहते हैं. आईआईएम बेंगलुरू, अमेरिका के केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट और हार्वर्ड कैनेडी स्कूल के पूर्व छात्र 39 साल के सपा प्रवक्ता ने कहा कि अपने गृह राज्य में वह राजनीति में नई ऊर्जा भरना चाहते हैं.
पहली बार चुनाव लड़ रहे घनश्याम तिवारी ने पीटीआई को एक इंटरव्यू में कहा, ‘‘मैं अपनी जड़ों की ओर लौट रहा हूं क्योंकि मेरा मानना है कि चुनावी प्रक्रिया के जरिए बदलाव मुमकिन है. विदेश में उच्च शिक्षा लेने के दौरान से ही मेरे मन में बिहार के लिए कुछ करने का था. इसलिए बिहार में बदलाव के लिए चुनावी राजनीति में मेरा प्रवेश स्वभाविक है.’’
समाजवादी पार्टी के नेता ने कहा, ‘‘मैंने अपने घोषणापत्र में घोषणा की है कि अगर काराकाट के लोग मुझे संसद भेजेंगे तो मैं दो वादों पर काम करूंगा. सभी लड़कियों के लिए इंटर स्तर तक शिक्षा और एक लाख युवाओं को रोजगार सुनिश्चित करना.’’
घनश्याम तिवारी ने कहा, ‘‘बीजेपी समूचा चुनाव मोदी के नाम पर लड़ रही है. उनका प्रचार और भाषणों में इस्तेमाल होने वाली भाषा बिल्कुल जाहिर है. लोगों को बेवकूफ मानकर व्यवहार हो रहा है उम्मीदवारों के बारे में कुछ नहीं बताया जा रहा. फिर से चुनाव लड़ रहे सांसदों से रिपोर्ट कार्ड नहीं मांगा जा रहा.’’ घनश्याम तिवाकी का मुकाबला काराकाट के मौजूदा सांसद और आरएलएसपी नेता उपेंद्र कुशवाहा और जेडीयू के महाबली सिंह हैं. यह क्षेत्र रोहतास और औरंगाबाद जिलों में फैला हुआ है.