पटना: बिहार में जातीय आधार पर जनगणना हो इस संबंध में आज बिहार विधानसभा से प्रस्ताव पास हुआ है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही सदन में प्रस्ताव रखा. 2021 में जाति के आधार पर जनगणना हो ऐसी मांग को केंद्र सरकार के पास भेज दिया. इससे पहले मंगलवार को बिहार विधानसभा से बिहार में एनआरसी लागू नहीं किए जाने का प्रस्ताव सदन से पास कराया गया था. विधानसभा से अचानक एनआरसी का प्रस्ताव पास कराए जाने, एनपीआर को 2010 के प्रावधानों पर होने का प्रस्ताव भेजा गया. अब बिहार की राजनीति में चर्चाओं का बाजार गर्म है.

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नीतीश को क्या फायदा हुआ?

एक ही झटके में नीतीश ने उन मुद्दों पर तत्काल पर्दा डाल दिया जिनपर बिहार में कानून व्यवस्था का सवाल उठ रहा था. वहीं मुसलमानों और पिछड़ी जातियों में अफवाह और दुविधा की स्थिति बन रही थी. ऐसे में इन फैसलों ने विपक्ष के पास से मुद्दा छीन लिया. जातीय आधार पर जनगणना का प्रस्ताव दोबारा पारित कराया गया ताकि चुनावी साल में किसी को कोई सवाल उठाने का मौका न मिले. जातियों और संप्रदायों में नीतीश और जेडीयू को लेकर कोई भ्रम न फैले, इसका इंतजाम कर लिया. नीतीश पर बीजेपी के पिछलग्गू बनने का आरोप प्रशान्त किशोर ने लगाकर एक नया विवाद छेड़ दिया था. नीतीश ने इसी बहाने उसका भी जवाब दे दिया.

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लालू की पार्टी आरजेडी को क्या मिला?

लालू यादव के छोटे बेटे और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव इन मुद्दों को अपनी जीत के तौर पर देख रहे हैं. चुनाव में जाने से पहले तेजस्वी ये कहेंगे कि उनकी ताकत का एहसास सत्ता पक्ष को हुआ और उनके दबाव से सभी प्रस्ताव पास हुआ. जातीय आधारित जनगणना की मांग लालू यादव प्रमुखता से उठाते रहे हैं. इस प्रकार पिछड़ों की संख्या के आधार पर आरक्षण औऱ दूसरी योजनाएं में हिस्सेदारी को लेकर इस मांग में आगे दिखने की बात भुना पाएंगे. उधर कन्हैया कुमार आरजेडी के 'माय' यानी मुस्लिम यादव समीकरण में सेंध लगाते दिख रहे थे, अब यह मुश्किल हो सकता है.

बीजेपी की स्थिति क्या है?

बीजेपी ने एनआरसी और एनपीआर के समर्थन में नहीं होने के बावजूद नीतीश कुमार के प्रस्ताव का समर्थन कर अपनी तात्कालिक राजनीतिक सूझबूझ का परिचय दिया. बीजेपी को पता है कि बिहार में पिछड़ों की राजनीति में अगर नीतीश का साथ नहीं देगी तो वह सत्ता से दूर हो सकती है. चुनावी राजनीति में नुकसान का खतरा बन जाता. हालांकि जातिगत जनगणना के पक्ष में होने की बात बीजेपी करती रही है. दूसरी बार इसे पास करा कर अपनी सहभागिता भी जता दी.