प्रयागराज: यूपी की योगी सरकार द्वारा संगम नगरी इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किये जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार से जवाब तलब कर लिया है. अदालत ने योगी सरकार को अपना जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते की मोहलत दी है. चीफ जस्टिस गोविंद माथुर की अगुवाई वाली डिवीजन बेंच इस मामले में तीस नवम्बर को फिर से सुनवाई करेगी. अदालत ने नाम बदलने के खिलाफ लखनऊ बेंच में दाखिल पीआईएल की फ़ाइल भी तलब कर ली है और उसकी भी सुनवाई अब इलाहाबाद में ही करने का फैसला किया है.


इलाहाबाद हेरिटेज सोसाइटी समेत बारह पूर्व अफसरों- जन प्रतिनिधियों व प्रोफेसरों द्वारा दाखिल की गई इस अर्जी में यूपी रेवेन्यू कोड की उस धारा 6 को चैलेंज किया गया है, जिसके तहत इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया गया है. अर्जी में कहा गया है कि लोगों की आपत्ति के बिना ही जिला बदलने का अधिकार दिए जाने वाली रेवेन्यू कोड की यह धारा असंवैधानिक है. इसलिए इसे ख़त्म कर दिया जाना चाहिए और इसके तहत इलाहाबाद का नाम बदले जाने की प्रक्रिया को भी रद्द कर देना चाहिए.


गौरतलब है कि यूपी की योगी सरकार ने इसी साल सोलह अक्टूबर को कैबिनेट से प्रस्ताव पास कराने के बाद अठारह अक्टूबर को नोटिफिकेशन जारी कर इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया था. हालांकि नाम बदले जाने के फैसले के खिलाफ दाखिल एक अर्जी को हाईकोर्ट खारिज भी कर चुका है, लेकिन इस अर्जी को अदालत ने सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए योगी सरकार से जवाब तलब कर लिया है. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर और जस्टिस सीडी सिंह की डिवीजन बेंच में हुई.