मुंबई: बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस से नाराजगी के बाद पार्टी छोड़ने वाले एकनाथ खडसे आज महा विकास अघाड़ी सरकार में सहयोगी पार्टी (एनसीपी) में शामिल हो सकते हैं. खडसे आज दोपहर में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार का हाथ थाम सकते हैं. खडसे (68) महाराष्ट्र में बीजेपी के उन कद्दावर नेताओं में से एक थे, जिनके पास जमीनी स्तर पर व्यापक समर्थन हासिल था. उनकी बहू रक्षा निखिल खडसे ने रावेर संसदीय सीट से बीजेपी के सांसद के रूप में दो बार (2014-2019) चुनाव जीता.


खडसे ने बीजेपी की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद कहा था, "मुझे और मेरे परिवार को चार सालों तक नीचा दिखाया गया. मैंने राज्य में पार्टी बनाने के लिए 40 सालों तक काफी मेहनत की और इसका सिला मुझे इस रूप में मिला."


खडसे को जून 2016 में भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से फडणवीस की अगुवाई वाली कैबिनेट को छोड़ना पड़ा था. उसके बाद 2019 विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया गया. खडसे ने कहा कि पद छोड़ने के बाद शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी या कांग्रेस किसी ने भी मेरे खिलाफ जांच की मांग नहीं की. इसके बावजूद बीजेपी ने उन्हें नीचा दिखाया.


"फडणवीस के अहंकार के चलते बीजेपी को महाराष्ट्र में नुकसान हुआ"
बीजेपी छोड़ने के एक दिन बाद वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर अपना हमला तेज करते हुए कहा था कि उनके अहंकार के चलते भाजपा पिछले विधानसभा चुनाव में राज्य में सत्ता से बाहर हो गई.


खडसे ने फडणवीस पर उनके नारे ‘मी पुन्हा येईन’ (मैं वापस आऊंगा) को लेकर भी निशाना साधा जिसका इस्तेमाल उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान किया था और सवाल किया कि उन्होंने इसकी जगह यह क्यों नहीं कहा कि ‘‘हम वापस आएंगे.’’


खडसे ने कहा, "देवेंद्र फडणवीस इतने सक्षम नेता हैं कि उन्होंने 2019 के विधानसभा चुनावों में अपनी ही पार्टी को सत्ता से बाहर कर दिया. 'मैं वापस आऊंगा' पर जोर देने के बजाय उन्होंने यह क्यों नहीं कहा कि 'हम वापस आएंगे?' यह उनका अहंकार था, जिसके कारण 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी को सत्ता से बाहर होना पड़ा."


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